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हिमालय की छाती पर दौड़ेंगी 100 KM प्रति घंटा की गति से ट्रेनें

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 13 2019 3:53PM | Updated Date: Oct 13 2019 3:53PM
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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में श्री माता वैष्णो देवी कटरा से बनिहाल तक के हिमालय के सबसे कठिन भौगोलिक क्षेत्र में निर्माणाधीन रेलवे लाइन जून 2022 तक तैयार हो जाएगी जिस पर सौ किलोमीटर प्रति घंटा की गति से ट्रेनें दौड़ेंगी तथा जम्मू से श्रीनगर तक की दूरी करीब पांच घंटे में तय हो सकेगी।
 
रेलवे के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार 111 किलोमीटर के इस खंड में 97 किलोमीटर की मुख्य सुरंगें और 66 किलोमीटर की सहायक या संरक्षा सुरंगें बनायीं जा रहीं हैं और इनमें से 70 किलोमीटर मुख्य सुरंगें एवं 42 किलोमीटर संरक्षा सुरंगें बन कर तैयार हो चुकी हैं। यही नहीं इस रेलखंड पर 37 बड़े पुल निर्माणाधीन हैं जिनमें से 19 बनकर तैयार हो चुके हैं जबकि बाकी पर तेजी से काम चल रहा है। इनमें चेनाब पर बनने का दुनिया का सर्वाधिक ऊंचाई वाला पुल भी शामिल है जिसका 82 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पुल अंजीखाड का है जो देश में केबल पर बनने वाला पहला रेलपुल होगा। 
 
सूत्रों के अनुसार विश्व के सबसे ऊंचे धरातल पर बनने वाली इस रेलवे लाइन का 87 प्रतिशत हिस्सा सुरंगों का है। यदि सुरक्षा सुरंगों की लंबाई को जोड़ दिया जाए तो 111 किलोमीटर की रेललाइन के लिए 163 किलोमीटर सुंरगें बनायी जा रहीं हैं। इस रेलखंड की सबसे लंबी सुरंग 12.75 किलोमीटर लंबी है जो कटरा के समीप है। 
 
सूत्रों के अनुसार इस रेलखंड पर बन कर तैयार हो चुके पुलों एवं सुरंगों में पटरियां बिछाने का काम शुरू हो चुका है। सूत्रों ने यह भी बताया कि इस खंड पर 13 स्टेशन एवं हाल्ट -चारील, रेपोर, लोले, कोहली, संगल्दन सुरंग (7 किलो मीटर), संगल्दन, बरल्ला, सुरुकोट, बक्कल, चेनाब पुल, सलाल, अंजी खाद पुल और रियासी होंगे तथा रेल पटरियों पर ट्रेनें 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से दौड़ सकेंगी। इस मार्ग को विद्युतीकृत भी किया जाएगा जिससे यातायात बहुत सुचारु रूप से चलेगा। 
 
कटरा-बानिहाल रेलखंड पूरा होते हुए कश्मीर घाटी शेष भारत से रेलसंपर्क से जुड़ जाएगी और कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेलयात्रा सुलभ हो जाएगी। सूत्रों ने बताया कि जम्मू से श्रीनगर तक 281 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग से लगभग पांच घंटे में पहुंचा जा सकेगा जबकि वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 से 295 किलोमीटर की यात्रा सड़क द्वारा करीब आठ घंटे में पूरी होती है।
 
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