नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने आज कहा की देश की चुनौतियों से निपटने के लिए मानवाधिकार को भारतीय परिपेक्ष्य में देखने की जरुरत है। शाह ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के 26 वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा कि देश आदर्श मानवाधिकार की दिशा में आगे बढ रहा है । देश का संविधान हम सबके लिए सर्वोच्च है और इसके अंदर जो अधिकार सब नागरिकों को मिले हैं उसकी सुरक्षा करने की जिम्मेदारी व्यवस्था , सरकार और मानवाधिकार आयोग जैसे संगठनों की है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने एक अलग प्रकार से मानवाधिकार के लिए लड़ाई लड़ी है और सफलता भी प्राप्त की है। हम सबका साथ सबका विकास के दृष्टिकोण को लेकर चल रहे हैं। एक भी व्यक्ति अकारण पुलिस हिरासत में नहीं मरे यह हमारा दायित्व तो है ही साथ ही हर व्यक्ति को सम्मान के साथ जीने की व्यवस्था की जानी चाहिये।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद और नक्सलवाद से बड़ा कोई मानवाधिकार के हनन का कारक नहीं हो सकता। कश्मीर में वर्ष 1990 के बाद करीब 40,000 लोग आतंकवाद की भेंट चढ़ गए, क्या उनके परिवारों का मानवाधिकार कुछ नहीं है । उन्होंने कहा कि नक्सलवाद के कारण अनेक स्थानों पर विकास कार्य नहीं हुए । इन मामलों के जो भुक्तभेगी हैं उनसे बड़ा मानवाधिकार का हनन नहीं हुआ । ऐसे मामलों को मानवाधिकार आयोग को अलग नजरिये से देखना चाहिये ।