नई दिल्ली। निर्यात कारोबारियों के संगठन भारतीय निर्यातक महासंघ के अध्यक्ष शरद कुमार सर्राफ ने भारत- चीन के बीच व्यापार एवं निवेश संबंधी विवादों के समाधान के लिए एक प्रणाली स्थापित करने के प्रस्ताव का शनिवार को स्वागत करते हुए कहा कि इससे दोनों देशों को रणनीतिक और व्यापारिक भागीदारी मजबूत होगी। सर्राफ ने कहा कि शिखर वार्ता से दोनों देशों के बीच व्यापारिक मुद्दों के समाधान की उम्मीदों को बल मिला है। शिखर वार्ता में भारत और चीन के बीच व्यापार एवं निवेश से संबंधित विवादों के समाधान के लिए एक प्रणाली बनाने पर विचार किया गया।
चीन के साथ व्यापार घाटे पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि चीन के बाजार में भारतीय निर्यात पर प्रतिबंध वास्तविक समस्या हैं। चीन के बाजार में भारतीय दुग्ध उत्पाद, सोयाबीन और कई कृषि उत्पादों को अनुमति नहीं है। फार्मा उत्पादों को अनुमति मिलने में अनावश्यक देरी होती है। विनिर्माण क्षेत्र में भागीदारी का स्वागत करते हुए सर्राफ ने कहा कि इससे चीन की कंपनियों को भारत में आने में मदद मिलेगी। चीन की कंपनियों को भारत के विशाल बाजार का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने चीन के नागरिकों को पांच साल तक बहु प्रवेश वीजा देने का स्वागत किया और उम्मीद जतायी कि इससे भारत में पर्यटन बढ़ेगा।