नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के एक भाषा वाले बयान का केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि अंग्रेज हम भारतीयों पर अंग्रेजी थोपकर चले गये। पासवान ने रविवार को ट्वीट कर कहा,‘‘लोक जनशक्ति पार्टी गृह मंत्री अमित शाह जी के बयान का पुरजोर समर्थन करती है जिसमें उन्होंने कहा है कि.. ‘देश को एकता के सूत्र में बांधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोली जानेवाली भाषा हिन्दी है।’’ उन्होंने कहा कि इस देश में अंग्रेज अंग्रेजी थोप कर चले गए। अंग्रेजी मात्र 90 साल पुरानी भाषा है। जबकि हमारी समृद्ध क्षेत्रीय भाषाएं सैकड़ों साल पुरानी है। आज भारत में अंग्रेजी महारानी बनी हुई है और देश की अन्य देसी भाषाएं नौकरानी जैसी बदहाल हैं। इसका मुख्य कारण है कि अंग्रेजी जानने वालों को बड़ी-बड़ी नौकरियां मिल रही हैं।
उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि सुप्रीम कोर्ट और कई हाई कोर्ट की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। सुप्रीम कोर्ट में हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के उपयोग की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा भारत की अपनी एक भाषा होनी चाहिए। हिन्दी सर्वाधिक बोली जाने वाली और सबसे ज्यादा लोगों को समझ में आने वाली भाषा है। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने भी हिन्दी को राष्ट्रीय भाषा घोषित करने की वकालत की थी। पूरी दुनिया में भारत को छोड़कर हर देश की अपनी भाषा है। इसके अलावा पासवान ने एक भाषा का विरोध करने पर विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि दक्षिण भारत के राज्यों के कुछ नेता तथा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का हिन्दी का विरोध करना अनावश्यक है। इन सभी को अंग्रेजी का विरोध करके अपनी-अपनी मातृभाषा का समर्थन करना चाहिए। अंग्रेजी विदेशों की भाषा है। जबकि हिंदी भारत की भाषा है।