इस्लामाबाद। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में मुंह की खाने के बावजूद पाकिस्तान ने कश्मीर का राग अलापना बंद नहीं किया है । पाकिस्तान ने कहा है कि वह कश्मीर मसले को अब अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में ले जायेगा। भारत के जम्मू-कश्मीर के पांच अगस्त को विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने और इसका दो भागों में विभाजन कर लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के रुप में दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने से पाकिस्तान पूरी तरह तिलमिलाया हुआ है। प्रधानमंत्री इमरान खान की सूचना सलाहकार फिरदौस आशिक अवान ने मंगलवार को कहा था कि कश्मीर के मसले को पाकिस्तान विश्व के एक-एक मंच पर उठायेगा। आईसीजे में कश्मीर मसले को ले जाने की विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मंगलवार को पुष्टि की है ।
उन्होंने एक निजी टेलीविजन चैनल से बातचीत में कहा कि यह फैसला सभी कानूनी संभावनाओं पर विचार विमर्श के बाद लिया गया। विदेश मंत्री ने कहा कानून मंत्रालय इस पर कार्य कर रहा है और जल्दी ही विवरण साझा किया जायेगा। कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान के पास भारत के खिलाफ मजबूत कानूनी मामला है। उधर डा. अवान ने कहा प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई और इसमें आईसीजे में कश्मीर मसले को ले जाने के लिए खान ने स्वीकृति दी है। सूचना सलाहकार ने आईसीजे में इस मामले को उठाये जाने वाले कुछ मसलों के बारे में संकेत भी दिए। डा. अवान ने बताया कि आईसीजे में पाकिस्तान का फोकस भारत के कब्जे वाले कश्मीर में मानवाधिकार और जनसंहार रहेगा । पाकिस्तान आईसीजे में अपना पक्ष प्रभावी ढंग से रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अधिवक्ताओं की सेवाएं लेगा।