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पाक में एक रोटी की कीमत 30 रुपए, हर घंटे एक शख्स दे रहा जान

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 22 2019 2:00AM | Updated Date: Jul 22 2019 2:00AM
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नई दिल्ली। पाकिस्तान की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। वह किसी एक परेशानी से निकलने की कोशिश करता है तो दूसरी मुंह बाए खड़ी हो जाती है। दरअसल, जिस युवा पीढ़ी के दम पर वह आतंकवाद की खेती करता था अब वही अवसाद के गहरे दलदल में जाने लगी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में हर दिन 15 से 35 लोग अपनी आत्महत्या कर रहे हैं। इस देश में हर घंटे कम से कम एक व्यक्ति अपनी जान दे रहा है। महंगाई का आलम यह है कि 10-12 रुपए में बिकने वाली गेहूं की रोटी की कीमत अब 20 से 30 रुपए तक पहुंच गई है।

बेरोजगारी की स्थिति बेहद खराब- पाकिस्तान में बेरोजगारी की स्थिति बेहद खराब स्तर तक पहुंच गई है। मौजूदा वक्त में यह 5.90 फीसदी है। आने वाले दिनों में इसके सुधरने के भी कोई संकेत नहीं हैं। साल 2020 में भी इसके 5.90 फीसदी रहने का अनुमान है। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक पीएसबी ने बड़ा फैसला लेते हुए ब्याज दरें बढ़ाकर 13.25 फीसदी कर दी है। यह आठ साल में सबसे ज्यादा है। पाकिस्तानी रुपए में गिरावट का दौर जारी। एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले यह अब तक के सबसे निचले स्तर 160 पर आ गया है। 
 
आत्मघाती कदम उठा रहे लोग- विश्व स्वास्थ्य संगठन  का अनुमान है कि साल 2012 में पाकिस्तान में आत्महत्या की दर प्रति एक लाख लोगों पर 13,000 थी। बता दें कि पिछले साल दिसंबर में अखबार डॉन ने एक सर्वे प्रकाशित किया था। इस सव्रे के मुताबिक, नौ फीसदी लोगों ने कहा कि वे अपना जीवन खत्म करने की कोशिश कर चुके हैं, जबकि 45 फीसदी ने बताया कि उनके किसी न किसी करीबी ने आत्महत्या करने का ख्याल मन में आने की बात कही है। सव्रेक्षणों में यह बताया गया है कि इन घटनाओं के पीछे सामाजिक कारण जिम्मेदार रहे हैं। हालांकि, कुछ दूसरे अध्ययन पाकिस्तानी समाज की दूसरी तस्वीर दिखा रहे हैं।
 
अवसाद की चपेट में आबादी- पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन ने पिछले साल अपनी रिपोर्ट में कहा था कि देश के नागरिकों में अवसाद की समस्या विश्व औसत से काफी ज्यादा है। पाकिस्तान के गांवों की तुलना में शहरों में यह समस्या विकराल है। रिपोर्ट के मुताबिक, कराची के लगभग 35.7 फीसदी, क्वेटा में 43 फीसदी जबकि लाहौर में 53.4 फीसदी लोग डिप्रेशन के शिकार हैं। अनुमान है कि पूरे पाकिस्तान में 34 फीसदी लोगों को डिप्रेशन की समस्य है। अधिकारियों की मानें तो पाकिस्तानियों के अवसाद ग्रस्त होने की कई वजहें हैं। मुख्य वजहों में नौकरी न मिलना, नौकरी छूटना, आमदनी न होना शामिल हैं।
 
शिक्षा की स्थिति भी खराब- पाकिस्तान में शिक्षा की बदहाली को लेकर भी चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में शिक्षा की मौजूदा स्थिति इतनी खराब है कि साल 2030 तक वहां हर चार में से एक बच्चा अपनी प्राथमिक शिक्षा भी पूरी नहीं कर पाएगा। समाचार पत्र डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, यूनेस्को के आंकड़े बताते हैं कि आने वाले 12 वर्षों में पाकिस्तान शिक्षा के आधे लक्ष्य को ही हासिल कर पाएगा। देश में शिक्षा की जो मौजूदा दर है उसमें 50 फीसदी युवा उच्च माध्यमिक तक की पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पा रहे हैं।
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