लखनऊ। भारतीय वायु सेना मॉन्ट डे मार्सैन के फ्रांसीसी एयरबेस पर आर्मी डी के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास करेगी। वायुसेना के आधिकारिक प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि वायु सैन्य अभ्यास गरुड़ के छठे संस्करण को पूरा करने जून के अंतिम सप्ताह में आईएल-78 एयर-टू-एयर रिफ्यूजर और सी-17 ग्लोबमास्टर के साथ चार एसयू-30 एमकेआई विमानों का एक पूरक फ्रांस के लिए रवाना होगा। उन्होने बताया कि वायु सैन्य अभ्यास गरुड़ को दो वायु सेनाओं के बीच फरवरी 2003 में एक द्विपक्षीय हवाई अभ्यास के रूप में शुरू किया गया था। पहला अभ्यास वायु सेना स्टेशन ग्वालियर में किया गया था।
इस अभ्यास का उद्देश्य दो एयरफोर्स के बीच सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण प्रथाओं और परिचालन कार्यप्रणाली को साझा करना है, ताकि भविष्य में हवाई ईंधन भरने और एकीकृत पैकेंजिग के क्षेत्र में पारस्परिक सहयोग और सहयोग को बढ़ाया जा सके। प्रवक्ता ने बताया कि दल के एक हिस्से के रूप में, वायुसेना ने नंबर 24 स्क्वाड्रन (हॉक्स) को नामांकित किया है, जो अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान का संचालन कर रहा है। इस अभ्यास से वायुसेना और आईएएफ के तकनीशियनों की दूर-दूर तक की स्थिति में लंबे समय तक संचालन को बनाए रखने की शक्ति और संकल्प का परीक्षण किया जाएगा।
तेज गति वाले अभ्यास से वायुसेना और फ्रांसीसी वायु सेना के पायलटों को युद्ध सहित विभिन्न प्रकार के हवाई अभियानों को बेनकाब किया जाएगा। फ्रांसीसी ग्राउंड रडार और एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम मिशन के दौरान वायुसेना और फ्रांसीसी पायलटों को नियंत्रित करेंगे। उन्होने बताया कि पिछले एक दशक में, भारतीय वायुसेना ने कई द्विपक्षीय और बहु-राष्ट्रीय अभ्यासों में भाग लिया है जैसे रेड फ्लैग और कोप इंडिया (यूएसए), सिंधेक्स और पिच ब्लैक ये अभ्यास भारतीय वायुसेना के पायलटों और सहायक कर्मचारियों को दुनिया की कुछ बेहतरीन वायु सेनाओं के साथ सर्वोत्तम अभ्यासों को देखने और साझा करने का अवसर प्रदान करते हैं। इस प्रकार प्राप्त ज्ञान का भंडार भविष्य के अधिग्रहण और हथियार प्रणालियों के रोजगार की योजना बनाने में लाभदायक होगा।