देहरादून। उत्तराखंड में अब दो से अधिक बच्चों वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों को शैक्षिक योगिता भी निश्चित की जा रही है। सरकार ने मंगलवार को पंचायती राज अधिनियम 2016 में संशोधन विधेयक सदन के पटल पर रखा। इसके अंतर्गत, अधिनियम में नगर निकायों की भांति पंचायतों में भी चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों की शर्त और न्यूनतम शैक्षिक योग्यता के निर्धारण पर जोर दिया गया है। इसमें सामान्य श्रेणी के प्रत्याशियों के लिये न्यूनतम कक्षा 08 उत्तीर्ण होना अनिवार्य किये जाने का प्रस्ताव रखा गया है, जबकि अनुसूचित जाति, जन जाति के प्रत्याशियों के लिये न्यूनतम शैक्षिक अहर्ता कक्षा 05 प्रस्तावित की है। पंचायतीराज मंत्री अरंविद पांडेय ने अधिकारियों को पिछले वर्ष इस आश्य का मसौदा तैयार करने के निर्देश दिए थे।
न्यूनतम शैक्षिक योग्यता निर्धारण के लिए हरियाणा और राजस्थान के पंचायतीराज अधिनियम का अध्ययन करने को कहा गया था। न्यूनतम शैक्षिक योग्यता के लिए हरियाणा मॉडल को उपयुक्त माना गया। पंचायतीराज विभाग ने इस बारे में न्याय विभाग से राय मांगी। दो बच्चों के मामले में हरी झंडी पहले ही मिल गई थी, जबकि शैक्षिक योग्यता को लेकर मंथन चल रहा था। सूत्रों ने बताया कि विधिक राय लेने के बाद पंचायती राज एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया। कैबिनेट की हरी झंडी मिलने के बाद अब संशोधन विधेयक विधानसभा सत्र में पेश किया गया है।