नई दिल्ली। भारत ने आज साफ किया कि संयुक्त राष्ट्र आर्थिक सामाजिक परिषद में इजरायल के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करके उसने फिलीस्तीन के मुद्दे पर अपना रुख नहीं बदला है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां कहा कि छह जून को भारत ने इजरायल के उस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था जिसमें फिलीस्तीनी मानवाधिकार संघ को एनजीओ कमेटी द्वारा परामर्शदाता का दर्जा दिये जाने के आवेदन की और जांच किये जाने की बात कही गयी थी। इजरायल का यह प्रस्ताव उस सूचना पर आधारित था जिसके अनुसार इस स्वैच्छिक संगठन के आतंकवादी संगठनों से संबंध बताये गये हैं।
कुमार ने कहा कि इस प्रस्ताव के पक्ष में हमारा वोट भारत के रुख के अनुरूप है। भारत मानता है कि एनजीओ कमेटी में परामर्शदाता का दर्जा देने संबंधी आवेदनों की गहन जांच करके पता लगाया जाना चाहिए कि कहीं उनके आतंकवादियों से कोई संबंध तो नहीं हैं। इसके अलावा उनके आवेदन पर फैसला करने से पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध सूची के तहत भी तहकीकात की जानी चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि छह जून के भारत के वोट को फिलीस्तीन के मुद्दे के विरुद्ध भारत के वोट के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।