नई दिल्ली। लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के विषय पर विस्तृत अध्ययन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक समिति गठित करेंगे। यह निर्णय मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुखों नेताओं की बैठक में लिया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिह ने करीब चार घंटे चली बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि इसमें ज्यादातर दलों ने देश में सभी चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे का समर्थन किया। केवल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने यह सवाल उठाया है कि यह कैसे होगा और इसका तरीका क्या होगा। वैसे इन दोनों दलों ने भी इस मुद्दे का विरोध नहीं किया। सिह ने कहा कि यह समिति निर्धारित समय-सीमा में अपनी रिपोर्ट देगी और उसके आधार पर आगे कदम उठाया जायेगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह मिली-जुली समिति होगी। सरकार ने संसद में प्रतिनिधित्व वाले 40 दलों के प्रमुखों को बैठक के लिए आमंत्रित किया था जिनमें से 21 ने बैठक में हिस्सा लिया और तीन दलों ने अपनी राय लिखित में भेजी है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, तेलुगु देशम पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल तथा जनता दल एस बैठक में हिस्सा नहीं वाले दलों में शामिल हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दल शिव सेना और अन्नाद्रमुक ने भी इसमें भाग नहीं लिया। यह बैठक प्रधानमंत्री ने एक देश एक चुनाव , संसद के दोनों सदनों में ज्यादा से ज्यादा कामकाज किये जाने , आजादी के 75 वें वर्ष में नये भारत के निर्माण, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से संबंधित समारोह तथा आकांक्षी जिलों के विकास के मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए बुलायी थी।