नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने नागरिक एवं उड्डयन मंत्रालय तथा निदेशालय से जेट एयरवेज के टिकट बुक करने वाले यात्रियों को पुनर्भुगतान अथवा उनके लिए अलग व्यवस्था की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई एक मई तक टाल दिया है। जेट एयरवेज की सेवा तत्काल बंद हो जाने से यात्रियों को हो रही असुविधा को देखते हुए कार्यकर्ता बिजोन कुमार ने यह याचिका दायर की थी। कुमार ने अपनी याचिका में कहा,‘‘जेट एयरवेज द्वारा एक हजार से अधिक उड़ानों को रद्द कर दिया गया था जिसके कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। आम यात्रियों को उनके भाग्य पर छोड़ दिया गया। इसके अलावा यात्रियों को न केवल अधिक लागत पर वैकल्पिक टिकट खरीदने पड़े, बल्कि बहुत अधिक चिंता और मानसिक परेशानी से गुजरना पड़ा।’’ कुमार ने अदालत से अनुरोध किया कि वह नागरिक उड्डयन मंत्रालय और निदेशालय को आदेश दे कि यात्रियों के लिए व्यवस्था की जाए। मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन और न्यायमूर्ति ए जे भम्भानी की खंडपीठ ने कहा कि याचिका दायर करने का उद्देश्य केवल लोकप्रियता हासिल करना है क्योंकि याचिका दाखिल करने से पूर्व ही इसे प्रेस के सामने जारी कर दिया। उच्च न्यायालय ने इस याचिका की सुनवाई को एक मई तक टालने का फैसला किया।