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अमेरिका में किन्नरों को सेना में भर्ती से रोकने की नीति लागू

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 13 2019 6:44PM | Updated Date: Apr 13 2019 6:44PM
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वॉशिंगटन। अमेरिका में  किन्नरों को  सेना में भर्ती होने से रोकने वाली राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीति शुक्रवार से लागू हो गयी। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने यहां पत्रकारों को बताया कि नयी नीति के तहत  जेंडर डिस्फोरिया लिंग पहचान में कठिनाई की श्रेणी में आने वाले लोग सेना में भर्ती नहीं हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि हालांकि जेंडर डिस्फोरिया का इलाज करा रहे लोग सेना में फिलहाल  बने रह सकते हैं और नीति के लागू होने से पहले जिन लोगों ने लींग बदल लिया  है  वे नौकरी में बने रहेंगे।  
 
रक्षा मंत्रालय के अनुसार 10 लाख 30 हजार सैन्यकर्मियों में से नौ हजार किन्नर हो सकते हैं। डेमोक्रेट सांसदों की प्रभाव वाली  हाउस ऑफ आर्म्ड सर्विसेज कमिटी ने  कहा है कि इस नीति के खिलाफ  लड़ाई जारी रहेगी। इसके  लागू होने से  देश की सेना के विश्वास को ठेस पहुंची है। बराक प्रशासन में वर्ष 2016 में किन्नरों को  खुले तौर पर सेना में शामिल होने का अधिकार दिया गया था। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस वर्ष जनवरी में  ट्रंप प्रशासन के इस फैसले को 5-4  से मंजूर किया था। सुप्रीम कोर्ट  के चार न्यायाधीशों ने हालांकि ट्रंप प्रशासन के इस फैसले का विरोध किया था। इस नीति के तहत किन्नरों को सेना में भर्ती होने से रोके जाने का प्रावधान है। 
 
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में किन्नरों को सेना में भर्ती  करने की नीति को लागू किया गया था। इस नीति के तहत न केवल किन्नर सेना में  भर्ती हो सकते थे  बल्कि उन्हें लिंग सर्जरी के लिए भी सरकारी मदद देने का  प्रावधान किया गया था। इस नीति के तहत सेना को एक जुलाई 2017 को  किन्नरों की भर्ती शुरू करनी थी। ट्रंप प्रशासन ने इस नीति को एक जनवरी  2018 तक बढ़ा दिया लेकिन बाद में इस नीति को पूरी तरह समाप्त करने का  निर्णय लिया। अमेरिकन साइकियाट्रिक एसोसिएशन  के अनुसार इजेंडर डिस्फोरिया में जन्म के समय दिए गए लींग के  कारण एक व्यक्ति को अत्यधिक परेशानी होती है। ऐसे लोग  जेंडर आइडेंटिटी के अनुसार जीने की दृढ़ इच्छा रखते है। 
 
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