नई दिल्ली। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को लंदन कोर्ट से सोमवार को बड़ा झटका लगा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन की अदालत ने प्रत्यर्पण के खिलाफ विजय माल्या की याचिका को खारिज कर दिया है। इससे पहले विजय माल्या ने बंबई उच्च न्यायालय से कहा था कि नए भगोड़े आर्थिक अपराधी कानून के तहत उसकी संपत्तियों को जब्त करना क्रूर कदम है और इससे कर्जदाताओं को कोई फायदा नहीं होगा। माल्या ने उच्च न्यायालय से संपर्क कर विशेष धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) अदालत के पांच जनवरी के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें नये कानून के तहत उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था।
कानून के प्रावधानों के तहत, किसी व्यक्ति के एक बार भगोड़ा घोषित होने के बाद उसकी संपत्तियों को अभियोजन एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जब्त किया जा सकता है। माल्या के वकील अमित देसाई ने न्यायूमर्ति आई ए महंती और न्यायमूर्ति ए एम बदर की पीठ से कहा कि ईडी के संपत्ति जब्त करने से कर्जदाताओं को कोई फायदा नहीं होगा।
वहीं, एसबीआई के वकील ने लंदन की कोर्ट में बुधवार को बताया था कि माल्या के वकील ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से कहा है कि उनका मुवक्किल अपना खर्च घटाकर 29,500 पाउंड (करीब साढ़े 26 लाख रुपये) प्रतिमाह करने के लिए तैयार है। अभी माल्या हर सप्ताह करीब 18,300 पाउंड (करीब साढ़े 16 लाख रुपये) खर्च करता है।
भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में भारतीय बैंकों के एक ग्रुप को भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के ब्रिटेन के आईसीआईसीआई बैंक खाते में पड़े 2,58,000 पाउंड हासिल करने का अंतरिम आदेश मिला था। बैंक इस राशि को जब्त करना चाह रहे हैं।