नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के सतना जिले में चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले शिक्षक की फांसी की सजा के अमल पर शुक्रवार को रोक लगा दी। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने महेन्द्र सिंह गोंड को जबलपुर जेल में दो मार्च को होने वाली फांसी रोक दी। सतना की अदालत ने गत चार फरवरी को महेन्द्र सिंह गोंड को ‘डेथ वारंट’ जारी किया था।
गत वर्ष जून में चार वर्ष की नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी, जिसके लिए निचली अदालत ने गत वर्ष 19 सितम्बर में गोंड को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनायी थी। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने गत 25 जनवरी को निचली अदालत की ओर से दिये गये मृत्युदंड को मंजूरी दी थी। गौरतलब है कि सरकार ने हाल ही में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में संशोधन करके 12 वर्ष से कम आयु की लड़की के साथ दुष्कर्म के दोषी के लिए मौत की सजा के प्रावधान किये हैं। ये प्रावधान आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम, 2018 के जरिये किये गये हैं।