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पाकिस्तान: दंगा पीड़ितों को एक महीने में मुआवजा देने का आदेश

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 13 2019 11:21PM | Updated Date: Jan 13 2019 11:21PM
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लाहौर । पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने संघीय और प्रांतीय सरकारों को ईश निंदा के एक मामले में ईसाई महिला आसिया बीबी को बरी करने के विरोध में कट्टरपंथी इस्लामी गुटों द्वारा किए हिंसक प्रदर्शनों से प्रभावित हुए लोगों को एक महीने के अंदर मुआवजा देने का निर्देश दिया है। पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने अक्टूबर में अपने एक ऐतिहासिक फैसले में ईशनिंदा की आरोपी एक ईसाई महिला की फांसी की सजा को पलट दिया था। बीबी पर 2009 में ईशनिंदा का आरोप लगा था और 2010 में निचली अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी जिसे 2014 में लाहौर उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था। हालांकि बाद में उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले को पलट दिया था।

फैसले के विरोध में देशभर में हिंसक प्रदर्शन हुए और कट्टरपंथी गुटों और मानवाधिकार अधिवक्ताओं ने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी थी। एक खबर के अनुसार, पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार के नेतृत्व वाली शीर्ष अदालत की दो सदस्यीय पीठ ने शनिवार को उच्चतम न्यायालय की 'लाहौर रजिस्ट्री' में स्वत: संज्ञान के एक मामले की सुनवाई के बाद यह आदेश सुनाया। मामला तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) की अगुवाई में तीन दिवसीय राष्टव्यापी आंदोलन के दौरान हुए जानमाल के नुकसान से जुड़ा है।
 
नुकसान के आकलन की रिपोर्ट सौंपी
सुनवाई शुरू होने पर एक सरकारी अधिकारी ने प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान के आकलन पर एक रिपोर्ट सौंपी। मुख्य न्यायाधीश ने पंजाब के महाधिवक्ता से कहा कि वह अदालत को बताए कि पीड़ितों को मुआवजा कैसे दिया जाएगा। महाधिवक्ता ने कहा कि संघीय मंत्रिमंडल ने 26.2 करोड़ रुपए के मुआवजे को मंजूरी दे दी है। इस पर पीठ के अन्य सदस्य न्यायमूर्ति इजाजुल अहसान ने पूछा कि मुआवजा योजना तैयार हो गई है या यह सिर्फ अभी कागजों पर है।
 
नुकसान की भरपाई के लिए कोई योजना नहीं
न्यायमूर्ति निसान ने इस बात पर गौर किया कि सरकार के पास कोई नुकसान की भरपाई के लिए कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा, ढाई महीने का समय बीत गया लेकिन सरकार ने मुआवजे के लिए कोई योजना पेश नहीं की है। यह कष्ट भी अब अदालत उठाएगा। अगर अदालत आदेश नहीं देगी तो कोई योजना आएगी ही नहीं। गृह मंत्रालय के एक सेक्शन अधिकारी ने अदालत को बताया कि सरकार इस महीने मुआवजे दे देगी देगी। सामचार पत्र ने कहा कि इसके बाद अदालत ने संघीय और प्रांतीय सरकारों को एक महीने के अंदर पीड़ितों को मुआवजा देने और अनुपालन रिपोर्ट अदालत में पेश करने का आदेश दिया। 
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