नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर टकराव जारी है। इस मामले को लेकर आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने महत्वपूर्ण सलाह दी है। रघुराम राजन ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय बैंक गाड़ियों में लगे सीट बैल्ट की तरह है, जिसके बिना आप एक्सीडेंट के शिकार बन सकते हैं। अब केंद्र की मर्जी है कि वो इसे पहने या उतार दे।
राजन ने कहा कि केंद्रीय बैंक को राष्ट्रीय संस्थान के तौर पर सुरक्षित करना चाहिए। राजन ने कहा कि बीते दिनों वित्त मंत्रालय और आरबीआई के बीच हुई तकरार को और आगे नहीं बढ़ना चाहिए।
एक बार अगर आपने किसी को गवर्नर या डिप्टी गवर्नर नियुक्त कर दिया है तो आपको उन्हें सुनना होगा। राजन का मानना है कि भारत सरकार और रिजर्व बैंक के बीच मचे संग्राम पर तभी लगाम लग सकती है, जब दोनों एक-दूसरे की मंशा और स्वायत्तता का सम्मान करें। राजन ने कहा कि रिजर्व बैंक की स्वायत्तता को बरकरार रखना देश के हित में है और ऐसा करना देश की परंपरा रही है। मौजूदा गवर्नर उर्जित पटेल ने सितंबर 2016 में रघुराम राजन से रिजर्व बैंक की कमान अपने हाथ में ली थी।
राहुल बोले-झुके नहीं आरबीआई
आरबीआई के 9.59 लाख करोड़ रुपए के रिजर्व कोष में से 3.6 लाख करोड़ रुपए स्थानांतरित करने की खबरों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि आरबीआई के गवर्नर को सरकार के दवाब के सामने नहीं झुकना चाहिए।
द्रविड़ की तरह डटे रहें
राजन ने आरबीआई को मौजूदा हालात का डटकर सामना करने को कहा है। उन्होंने कहा कि अभी आरबीआई की भूमिका राहुल द्रविड़ की तरह धीर-गंभीर फैसले लेने वाले की होनी चाहिए। उसे नवजोत सिंह सिद्धू की तरह बनने की जरूरत नहीं है।