नई दिल्ली। एटीएम में कैश की किल्लत को लेकर सवालों से घिरी केंद्र सरकार काफी सचेत हो गई है। सरकार न केवल एटीएम में कैश की किल्लत को जल्द दूर करने में जुट गई, बल्कि यह भी उपाय कर रही है कि आगे इस तरह की समस्या नहीं आए। इसके लिए सरकार ने अभी से पुख्ता इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। अब आरबीआई के सभी रीजनल आॅफिस हर माह अपने क्षेत्र में बैंक और एटीएम में कैश की मांग और सप्लाइ का आकलन करेंगे और इसकी रिपोर्ट भेजेंगे।
दो हजार एटीएम की जांच
इसके अलावा फाइनैंशल इंटेलिजेंस यूनिट करीब 2166 एटीएम सेंटरों की जांच करेगी। ये वैसे सेंटर्स हैं जिनमें पिछले दिनों सबसे ज्यादा कैश निकाला गया है। एफआईयू अब यह जांच करेगी कि किन लोगों ने इन एटीएम सेंटरों से ज्यादा निकासी की। इसके पीछे कारण क्या था और क्यों इतना कैश निकाला गया?
आयकर विभाग कर रहा मदद
इस जांच में इनकम टैक्स विभाग भी एफआईयू की मदद करेगा। सूत्रों के अनुसार सरकार को आशंका है कि बेशक कैश की डिमांड बढ़ी, लेकिन साथ में कुछ इस तरह का खेल खेला गया जिससे एटीएम में कैश की किल्लत बढ़ जाए। यही कारण है कि सरकार अब इस बारे में पूरी जांच के साथ रिपोर्ट चाहती है ताकि असली कारण बाहर आ सकें।
जमाखोरी का शक
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक पैसों की जमाखोरी के चलते एटीएम में कैश की कमी हुई है, इस बात की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। देश में अप्रैल के पहले 12-13 दिनों में ही 45,000 करोड़ रुपये निकाले जा चुके हैं जबकि सामान्यत: महीनेभर में 20,000 करोड़ रुपये की मांग हुआ करती है।