नई दिल्ली। संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने संसद की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि सरकार लंबित विधायी कार्यों को निपटाना चाहती है और इसके लिए सदन में जारी गतिरोध दूर करने के लिए उसने विपक्षी दलों से संवाद शुरू कर दिया है तथा उनकी ओर से सकारात्मक आश्वासन भी मिला है। गोयल ने दोनों सदनों में जारी गतिरोध के बारे में पूछे जाने पर यहाँ संसद भवन परिसर में बताया कि गुरुवार को उन्होंने राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद, तेलुगुदेशम पार्टी के नेता वाई.एस. चौधरी तथा अन्नाद्रमुक के वी. मैत्रेयन और ए. नवनीत कृष्णन से मुलाकात की।
इसके अलावा वह अगले दो दिन में अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से भी मिलेंगे। आजाद ने उन्हें सहयोग का विश्वास दिलाया और कहा कि कांग्रेस भी चाहती है कि सदन चले। इसके अलावा मैत्रेयन ने भी कहा है कि जैसे उनकी पार्टी ने ग्रेच्युटी विधेयक राज्यसभा में पारित करने में सहयोग दिया, वैसे ही अन्य विधेयकों में भी सहयोग देती रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार हर सांसद के घर जाकर बात करने के लिए तैयार है। अनिश्चित काल के लिए स्थगन के बारे में गोयल ने स्पष्ट कहा “सरकार हमेशा से सदन चलाना चाहती है। अनिश्चित काल के लिए स्थगन का सवाल ही नहीं उठता। हम हर दिन उम्मीद करते हैं कि कार्यवाही चलेगी।
जिस तरह हँगामे के बीच ही हमने कुछ विधेयक पारित कराए हैं उसी तरह अन्य विधेयक भी पारित कराएगे।” उन्होंने बताया कि दोनों सदनों में करीब 10-10 विधेयक लंबित हैं। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में मोटर वाहन विधेयक, भ्रष्टाचार रोकथाम विधेयक, तीन तलाक विधेयक और ह्विसिल ब्लोअर विधेयक लंबित हैं। लोकसभा में जनप्रतिनिधि (संशोधन) विधेयक, चेक से जुड़ा (संशोधन) विधेयक, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (संशोधन) विधेयक, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, चिट फंड (संशोधन) विधेयक, भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक और मानव तस्करी से संबद्ध विधेयक लंबित हैं।