आंदोलनकारियों ने कहा है कि अब तेलंगाना की रैली में आक्रामक करेंगे और जिसमें खुद को आग लगाएंगे और जान भी देंगे। पीठ पर ट्यूबलाइट तोड़ना केवल पहला चरण है। अगर सरकार ने गोरखालैंड पर बातचीत शुरू नहीं की तो जल्द अगले चरण पर काम शुरू हो जाएगा। गौरतलब है कि जीटीए समझौता वर्ष 2011 में केंद्र सरकार, बंगाल सरकार और जीजेएम के बीच हुआ था। मोर्चा नेता शंकर अधिकार ने कहा, हम गोरखालैंड की मांग जारी रखेंगे बेमियादी बंद से हटने का तो सवाल ही नहीं उठता। अब ये आंदोलन केवल जीजेएम का नहीं है बल्कि पूरे पहाड़ी इलाके का है।