नई दिल्ली। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप राजनीतिक दल लगा रहे हैं। इन आरोपों के बीच सरकार ने संसद में यह जानकारी दी कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को उन्नत एम3 मशीन से बदल देगा।
एम3 प्रकार की ईवीएम में मशीनों की यथार्थता के प्रमाणन के लिए एक सेल्फ डायग्नोस्टिक सिस्टम लगा है। ये मशीनें एक आपसी प्रमाणन प्रणाली के साथ आएंगी। विधि मंत्रालय ने निर्वाचन आयोग की ओर से संसद को उपलब्ध करवाई जाने वाली जानकारी के हवाले से कहा कि नई मशीनें खरीदने के लिए लगभग 1940 करोड़ रुपए (मालभाड़ा और कर के अतिरिक्त) का खर्च आएगा। ये मशीनें वर्ष 2018 में यानी अगले लोकसभा चुनाव से एक साल पहले आ सकती हैं।
कई पार्टी ने लगाया था आरोप
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने आरोप लगाया कि ईवीएम को भाजपा के पक्ष में मैनेज किया गया था। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित दूसरी विपक्षी पार्टियों ने मध्य प्रदेश में एक उपचुनाव के दौरान ईवीएम में छेड़छाड़ की रिपोर्ट को लेकर निर्वाचन आयोग से जांच की मांग की है।
दोष मढ़ने की जगह नतीजों पर आत्ममंथन करे आप
केंद्रीय चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल को ईवीएम के साथ छेड़छाड़ किए जाने संबंधी आरोपों का करारा जवाब दिया है। आयोग ने कहा है कि वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ करना मुमकिन नहीं है। पंजाब के चुनाव नतीजे पर आयोग ने आप को आत्ममंथन करने की सलाह दी है। ईवीएम से निकली पर्ची की गिनती कर नतीजों से मिलान करने की मांग पर आयोग ने आप को हाई कोर्ट जाने का कहा है। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या को लेकर सावधान भी किया है। चुनाव आयोग ने रविवार को विशेष दूत से आप के राष्ट्रीय सचिव पंकज कुमार गुप्ता को छह पन्नों का जवाब भेजा है। इसके साथ ही नौ पन्नों का अपना पिछला बयान भी सौंपा है।
2006 से पहले खरीदे गए EVM बदले जाएंगे
पी.पी. चौधरी ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने 2006 से पहले खरीदी गई 9,30,430 ईवीएम मशीनों को चरणबद्ध तरीके से 2019 के आम चुनाव और साथ में विधानसभा चुनाव से पहले बदलने का फैसला किया है।