नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की मदद से प्रक्षेपण यान बनाने वाले वीर सुरेन्द्र साई स्पेस इनोवेशन सेंटर (वीएसएसएसआईसी) के छात्रों के एक समूह ने शुक्रवार को अंतरिक्ष विभाग के केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की। ओडिशा स्थित वीएसएसएसआईसी के छात्रों को उपग्रह प्रक्षेपण यान बनाने के लिए इसरो से तकनीकी तथा वित्तीय मदद मिली है। इसरो ने सेंटर के छात्रों को इस परियोजना के लिए 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी है।
दुनिया में पहली बार किसी संस्थान के छात्रों ने प्रक्षेपण यान बनाया है। इससे पहले विभिन्न संस्थानों के छात्र अध्ययन तथा शैक्षणिक उद्देश्यों से नैनो उपग्रह बना चुके हैं। भारतीय संस्थानों के छात्रों द्वारा बनाये गये कई नैनो उपग्रहों को इसरो ने अंतरिक्ष में स्थापित भी किया है। डॉ सिंह ने छात्रों से मुलाकात के दौरान कहा कि भारत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक अग्रणी देश है और ये छात्र भी इसमें योगदान देंगे। इन छात्रों के प्रयासों से उनकी प्रतिभा, जिज्ञासा और क्षमताओं पता चलता है।
उनके इस प्रयास से अन्य छात्रों को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने की प्रेरणा मिलेगी। ये छात्र लगातार इसरो के संपर्क में हैं। ‘‘छात्रों से संवाद’’ के तहत वे इसरो के अध्यक्ष डॉ. के. शिवन के साथ भी बातचीत कर चुके हैं। साउंडिंग रॉकेटों को विकसित करने तथा उन्हें सफलतापूर्वक प्रक्षेपित करने के लिए उन्हें लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, 2019 में छात्रों की एकमात्र संस्था के तौर पर दर्ज किया गया।