नई दिल्ली। दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने उत्तर प्रदेश के उन्नाव बलात्कार एवं अपहरण मामले में सोमवार को फैसला सुनाते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराया। सत्र न्यायाधीश धर्मेश सिंह ने सेंगर को दोषी ठहराते हुए कहा कि इस मामले में सजा के लिए अदालत में बहस 19 दिसंबर को होगी। सेंगर के वकील हालांकि सजा के लिए आज ही बहस चाहते थे। अदालत ने इस मामले में एक अन्य आरोपी महिला शशि सिंह को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। शशि सिंह पर पीड़तिा को बहला-फुसला कर विधायक के घर ले जाने का आरोप था।
सेंगर उत्तर प्रदेश में उन्नाव जिले की बांगरमऊ विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर जीते थे। उनके खिलाफ बलात्कार और अपहरण के मामले की सुनवाई यहां की तीस हजारी अदालत में चल रही थी। इसके अलावा सेंगर पर केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) की विशेष अदालत में तीन मामले चल रहे हैं। यह मामला 2017 का है जिसमें सेंगर के विरुद्ध पीड़तिा के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था। सीबीआई को यह मामला 2018 में हस्तांतरित किया गया था।
तीस हजारी अदालत में पांच अगस्त को इस मामले की सुनवाई शुरू हुई थी, दोनों आरोपियों के विरुद्ध नौ अगस्त को आरोप तय किए गए थे। इस मामले में चार माह से अधिक सुनवाई चली। अदालत ने दुष्कर्म पीड़िता को नाबालिग माना है। सेंगर पर आरोप था कि नौकरी देने का वादा करके उसने अपने आवास पर पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया।
पीड़तिा का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया गया। अदालत के फैसला सुनाने के बाद वहां मौजूद सेंगर बिलख-बिलख कर रोने लगा जबकि दूसरी आरोपी शशि सिंह फैसले के बाद बेहोश हो गई।पीड़िता और उसकी मां के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के लखनऊ स्थित आवास के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया। इसके बाद उच्चतम न्यायालय के आदेश से उन्नाव कांड की जांच लखनऊ से दिल्ली स्थानांतरित की गई थी।