अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद की एक स्थानीय अदालत ने विवादास्पद स्वयंभू धर्मगुरू स्वामी नित्यानंद के यहां हाथीजन इलाके में स्थित आश्रम में दो नाबालिग बच्चों को कथित तौर पर बंधक बना कर रखने और उनसे दुर्व्यवहार करने के मामले में लगभग तीन सप्ताह पहले पकड़ी गयी आश्रम की स्थानीय संचालिका समेत दो युवतियों की नियमित जमानत अर्जी आज खारिज कर दी। इससे पहले अदालत ने उनकी अस्थायी जमानत अर्जी भी 27 नवंबर को खारिज कर दी थी। अदालत ने इस अपराध को गंभीर बताते हुए उनकी जमानत अर्जी खारिज की।
स्थानीय संचालिका प्राणप्रिया तथा उनकी सहयोगी प्रियातत्वा को पुलिस ने गत 20 नवंबर को पकड़ा था। दोनो को पहले पांच दिन और उसके बाद दो दिन तक पुलिस हिरासत में सौंपा गया था। उसके बाद से दोनो न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। तमिलनाडु निवासी नित्यानंद के एक पूर्व अनुयायी जर्नादन शर्मा ने यहां विवेकानंदनगर थाने में यह शिकायत दर्ज करायी थी कि उनकी चार संतानों में से दो नाबालिगों 14 साल की बेटी और 12 साल के बेटे को जबरन आश्रम में बंधक बना कर रखा गया था और उनसे दुर्व्यवहार भी किया गया था। इसी मामले में दोनों को पकड़ा गया था। शर्मा ने आश्रम से ही जुड़ी और फिलहाल में कथित तौर पर विदेश में रह रही अपनी दो बड़ी बेटियों को भी अदालत के समक्ष पेश करने की मांग करते हुए यहां हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर रखी है।
दोनो ने हालांकि वीडियो संदेश जारी कर स्वेच्छा से नित्यानंद के साथ रहने और अपने पिता के पास नहीं जाने की बात कही है। ज्ञातव्य है कि उक्त आश्रम को यहां गैरकानूनी रूप से लीज पर अपनी जमीन देने के चलते दिल्ली पब्लिक स्कूल की पूर्वी शाखा के प्रधानाध्यापक को गिरफ्तार भी होना पड़ा था। बाद में जांच के दौरान यह पता चलने पर कि स्कूल प्रबंधन ने मान्यता प्राप्त करने के लिए दस्तावेजों की धोखाधड़ी की थी, इसके संचालक ट्रस्ट कैलोरेक्स फाउंडेशन की प्रबंध निदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी मंजुला श्रॉफ समेत तीन लोगों के खिलाफ अलग से मामला दर्ज हुआ था। एक अन्य स्थानीय अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी भी खारिज कर दी थी। इसके बाद तीनों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसने उन्हें अंतरिम राहत देते हुए जमानत अर्जी पर सुनवाई की अगली तिथि सात जनवरी तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।