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निर्भया के दोषियों को फांसी देने से पहले जल्लाद ने मोदी-योगी से की ये अपील

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 12 2019 3:45PM | Updated Date: Dec 12 2019 3:46PM
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नई दिल्ली। तिहाड़ जेल में बंद निर्भया गैंगरेप कांड के दोषियों को फांसी देने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। उन्हें फांसी पर लटकाने की तैयारियां चल रही हैं। ऐसी खबरें हैं कि उत्तर प्रदेश के मेरठ में रहने वाले जल्लाद पवन को सभी दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए लेटर भेजा गया है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली आने से पहले जल्लाद पवन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक अपील की है जिसमें उसने कहा है कि 'अब तो जीना भी मुश्किल हो गया है'।
 
मेरठ के आलोक विहार कालोनी का रहने वाले पवन का परिवार कई पीढ़ीयों से जेल में फांसी देने का काम करता आ रहा है। इससे पहले उसके परदादा लक्ष्मण सिंह, दादा कल्लू जल्लाद और पिता मम्मू सिंह भी फांसी देने का काम करते थे। पवन ने कहा, पिता के बाद मैंने कई जेलों में जाकर दोषियों को फांसी पर लटकाया। कुछ समय पहले तक इस काम के लिए मुझे मेरठ जेल से तीन हजार रुपये महीने मानदेय मिलता था। काफी कोशिशों के बाद ये मानदेय बढ़कर 5000 रुपए हो गया। लेकिन आज के महंगाई के दौर में पांच हजार रुपए में परिवार का पेट पालना मुश्किल हो गया है। मैंने कई अधिकारियों से मानदेय बढ़ाने के लिए अपील की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। 
 
जल्लाद पवन ने ऐसा किसके लिए और क्यों कहा है? जब उससे यह सवाल किया गया तो पवन ने कहा कि मैं देश के सभी जेलों में फांसी देने के लिए जाता रहता हूं लेकिन मुझे मेरा मेहनताना सिर्फ 3000 रुपये मिलता है। कई बार अधिकारियों सो कहने पर उन्होंने मेरा वेतन बढ़ाकर 5000 रुपये प्रतिमाह कर दिया लेकिन आज की महंगाई में इतने से घर नहीं चलता। पवन ने सीएम योगी और पीएम मोदी से अपील की है कि आर्थिक परेशानियों के चलते अब तो जीना भी मुश्किल हो गया ।
 
निर्भया गैंगरेप के दोषियों को फांसी देने की खबर के बाद जल्लाद पवन ने सीएम योगी और पीएम मोदी को खत लिखकर अपना दर्द बयां करने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि महंगाई के दौर में वह सिर्फ 5000 रुपये में पूरे घर का खर्च उठा रहे हैं। परिवार का पालन-पोषण करने बहुत मुश्किल हो गया है। मैंने इस संबंध ने उच्च अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। पवन बताते हैं कि वह अपना मानदेय को बढ़ाने के लिए सीएम पीएम के अलावा राष्ट्रपति, गृह मंत्री, राष्ट्रीय मानवअधिकार आयोग और यूपी के जेल विभाग को पत्र लिखने वाले हैं।
 
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