वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग USCIRF ने कहा है कि यदि नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) भारत की संसद में पारित होता है तो अमेरिकी सरकार को भारत के गृह मंत्री अमित शाह और अन्य प्रमुख नेतृत्व के खिलाफ प्रतिबंध लगाने पर विचार करना चाहिए। अयोग ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘‘अगर सीएबी दोनों सदनों में पारित हो जाता है तो अमेरिकी सरकार को गृह मंत्री अमित शाह और अन्य प्रमुख नेतृत्व के खिलाफ प्रतिबंध लगाने पर विचार करना चाहिए। यूएससीआईआरएफ वहीं संस्था है जिसने गुजरात दंगों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी (तत्कालीन मुख्यमंत्री (गुजरात) थे, को पर्यटक वीजा नहीं देने की अमेरिकी सरकार से सिफारिश की थी।
आयोग ने कहा कि सीएबी के जरिये धार्मिक आधार पर नागरिकता के लिए कानूनी मानदंड स्थापित किया गया है। इसके तहत मुसलमानों को बाहर रखकर प्रवासियों को नागरिकता देने का रास्ता खोला गया है। बयान में कहा गया कि सीएबी ‘गलत दिशा में बढ़ाया गया एक खतरनाक कदम है। यह भारत के धर्मनिरपेक्षता के समृद्ध इतिहास और भारतीय संविधान के विपरीत है जो धर्म के परे सभी को कानून के सामने समान मानता है। यूएससीआईआरएफ ने असम में राष्ट्रीय नागरिक नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) प्रक्रिया और पूरे देश में एनआरसी लागू करने के श्री शाह के प्रस्ताव पर कहा, ‘‘इससे यह आशंका होती है कि भारत सरकार भारतीय नागरिकता के लिए धार्मिक मानदंड बना रही है जिससे लाखों मुसलमानों की नागरिकता छीन सकती है।’’