मुंबई। 1993 मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को आज नागपुर सेंट्रल जेल में सुबह 7 बजे फांसी दे दी गई। 7 बजकर 10 मिनट पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। याकूब का शव उसके रिश्तेदारों को सौंप दिया गया। मुंबई में एक कब्रिस्तान में याकूब के शव का दफना दिया गया है। इस दौरान सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए थे।
जिस वक्त याकूब को फांसी दी गई उस वक्त करीब 6 अधिकारी जेल में मौजूद थे और 2 कांस्टेबलों ने उसे फांसी पर लटकाया। फांसी की पूरी प्रक्रिया नियमानुसार मजिस्ट्रेट की निगरानी में हुई और इसकी वीडियो रिकॉर्डिग भी की गई। याकूब को फांसी दिए जाने तक उसके रिश्तेदारों सुलेमान मेमन और उस्मान मेमन को पास ही के एक होटल में रखा गया।
आज याकूब का जन्मदिन, परिजनों ने भेजा केक
आपको बता दें कि आज याकूब का जन्मदिन था और इसके लिए उसके परिजनों ने उसे जेल में केक भी भेजा था। आज यानी 30 जुलाई को अपना 53वें जन्मदिन के कुछ घंटे बाद ही याकूब को फांसी दे दी गई लेकिन इसके पहले तक उसके परिजनों ने उम्मीद कायम रखी थी कि शायद कोई चमत्कार हो जाए और उसकी फांसी कुछ दिनों के लिए टल जाए।
विधानसभा में बयान देंगे फडणवीस
सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज तड़के अभूतपूर्व सुनवाई के बाद मौत के फरमान पर रोक लगाने की मांग करने वाली याकूब के वकीलों द्वारा पेश अंतिम याचिका खारिज किए जाने के करीब दो घंटे बाद उसे फांसी दे दी गई। मेमन का शव औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद उसके परिवार को सौंपा जाएगा, जो यहां नागपुर के एक होटल में ठहरे हुए हैं। याकूब मेमन की फांसी पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस विधानसभा में बयान देंगे।
पहली बार रात में चली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब किसी केस पर सुनवाई के लिए देर रात सुप्रीम कोर्ट खुली हो। याकूब मेनन की याचिका बुधवार को पहले सुप्रीम कोर्ट, फिर गवर्नर और बाद में राष्ट्रपति के दरवाजे से खारिज होने के बाद उसके वकीलों ने गुरुवार रात एक आखिरी कोशिश की। सुप्रीम कोर्ट के कुछ सीनियर वकीलों ने याकूब की फांसी पर 14 दिन की रोक लगाने की मांग को लेकर रात दो बजे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। तीन बजकर 20 मिनट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। करीब डेढ़ घंटे चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने याकूब की फांसी को बरकरार रखते हुए याचिका खारिज कर दी।
जेल में ही होगा पोस्टमॉर्टम
जानकारी के मुताबिक याकूब की डेड बॉडी को तख्ते से उतार कर उसका पोस्टमॉर्टम जेल में ही किया गया। याकूब के परिवार को फांसी की इन्फॉरमेशन दी जा चुकी है।
याकूब ने गार्ड का सुनाया दिल का हाल
याकूब मेमन ने फांसी से पहले बैरक के पास तैनात गार्ड को अपने दिल का हाल सुनाया है। याकूब ने गार्ड को बताया कि उसकी फांसी को लेकर राजनीतिकरण किया जा रहा है और मुझे पता है कि मैं मरने वाला हूं। हां ये जरूर है कि अब उसे कोई चमत्कार ही बचा सकता है।
फांसी के वक्त गुल हुई बिजली
याकूब को आज सुबह सात बजे फांसी पर लटका दिया गया। एक स्थानीय पत्रकार ने बताया कि फांसी के कुछ दो मिनट पहले बिजली गुल हो गई थी। परिवार के दो लोगों को जेल के पास आने दिया गया था।
22 साल बाद दी गई नागपुर जेल में फांसी
नागपुर सेंट्रल जेल में करीब 42 साल किसी कैदी को फांसी दी गई है। नागपुर जेल में आखिरी बार 17 अप्रैल 1973 को मोरीराम शाद्याजी गोडान को फांसी दी गई थी। याकूब की फांसी के बाद नागपुर जेल में अब तक कुल 22 लोगों को फांसी दी जा चुकी है।
देश की सबसे महंगी फांसी
नागपुर सेंट्रल जेल में याकूब की फांसी के लिए हैंगिंग शेड पर करीब 23 लाख रुपए खर्च करके लोहे का एक सुरक्षा कवच तैयार किया गया था। इस तरह ये फांसी देश की सबसे महंगी फांसी बन गई। बताया जा रहा है कि 1970 में पुणे के येरवडा जेल से इंटरनेशनल स्मगलर डैनियल हैली वॉलकॉट को हेलिकॉप्टर से भगाने की कोशिश हुई थी। सरकार नहीं चाहती कि इस तरह कोई कोशिश इस बार हो सके।