नई दिल्ली। लोकसभा में शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों के साथ ही हाल ही में सत्तारूढ राष्ट्रीय जनतंत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग हुए शिवसेना के सदस्यों ने आज जमकर हंगामा किया लेकिन अध्यक्ष ओम बिरला ने शोर शराबे के बीच ही प्रश्नकाल जारी रखा। सदन की कार्यवाही शुरु होते ही तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय, कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, द्रविड मुनेत्र कषगम के टी एस बालू ने नेशनल कांफ्रेंस के सदस्य फारूख अब्दुला के सदन में नहीं होने का मामला उठाया और शोर शराबा शुरू कर दिया। इन सभी दलों ने सरकार पर विपक्ष को कुचलने, विपक्षी सदस्यों पर झूठे मुकदमे दर्ज करने और विपक्षी नेताओं पर हमला करने का आरोप लगाया। इसी दौरान शिव सेना के सदस्यों ने किसानों की दुर्दशा का मामला उठाया और कहा कि किसानों को न्याय नहीं मिल रहा है।
पार्टी के नेता संजय राउत तथा अरंिवद सावंत ने भी अपने स्थान पर खड़े होकर नारेबाजी की और किसानों को न्याय देने की मांग करते रहे। काफी देर तक हंगामा करने के बाद जब अध्यक्ष ने उनकी बात नहीं सुनी तो उन्होंने सदन से बहिर्गमन कर दिया। कांग्रेस के सदस्य सदन के बीचोंबीच आकर लोकतंत्र बचाओ, विपक्ष को कुचलना बंद करो, झूठे मामले वापस लो जैसे नारे लगाते हुए हंगामा करते रहे। अध्यक्ष ने सदस्यों से कहा कि सदन नारेबाजी के लिए नहीं बल्कि चर्चा और वाद विवाद के लिए है इसलिए सदस्य अपनी सीटों पर बैठ जाएं। संसदीय कार्यमंत्री प्रशाद जोशी ने कहा कि विपक्षी दलों को हंगामा करने की बजाए सदन में मुद्दे उठाने चाहिए और सरकार उनके उठाए मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों को आश्वासन दिया है कि उनकी बात को सुना जाएगा और वे जो भी मुद्दा उठाएंगे उन पर चर्चा होगी। हंगामा कर रहे सदस्यों ने उनकी एक नहीं सुनी और प्रश्नकाल पूरा होने तक नारेबाजी करते रहे।