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सीबीआई विवाद : अजीत डोभाल ने रोकी थी अस्थाना के घर छापेमारी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 20 2018 11:37AM | Updated Date: Nov 20 2018 11:38AM
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नई दिल्ली। सीबीआई के डीआईजी एमके सिन्हा ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पर ससनीखेज आरोप लगाए हैं। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दर्ज याचिका में उन्होंने कहा कि एनएसए डोभाल ने सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच को प्रभावित किया है और छापेमारी में बाधाएं खड़ी की हैं। 
 
रिश्वत लेने के आरोपी अस्थाना के खिलाफ जांच का जिम्मा देख रहे एमके सिन्हा का कहना है कि केस में शामिल दो बिचौलियों के डोभाल के साथ करीबी रिश्ते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मामले में शिकायतकर्ता सना सतीश बाबू ने बताया है कि सीबीआई केस में मदद मुहैया कराने के लिए केंद्रीय कोयला और खान राज्य मंत्री हरिभाई चौधरी को करोड़ों रुपए घूस के रूप में दिए गए हैं। चौधरी गुजरात से सांसद हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी बताए जाते हैं।
 
ये भी आरोप लगाए
डीआईजी एमके सिन्हा की याचिका में यह भी कहा गया है कि भारत की खूफिया एजेंसी रॉ के अधिकारी सामंत गोयल की कॉल रिकॉर्डिंग भी मौजूद है जिसमें वे कह रहे हैं कि पीएमओ ने सीबीआई के मुद्दे को मैनेज कर लिया है। इस रात को ही केस की जांच करने वाली सीबीआई टीम को हटा दिया गया।
 
दो बार तलाशी रोकने के निर्देश
सिन्हा का आरोप है कि जांच में अजित डोभाल ने दो मौकों पर तलाशी अभियान रोकने के निर्देश दिए थे। 17 अक्टूबर को अस्थाना के खिलाफ घूस के आरोपों में एफआईआर की बात जब डोभाल को पता चली, तो उसी रात उन्होंने अस्थाना से बात की। अस्थाना ने डोभाल से गिरफ्तारी से बचाने को कहा था। 20 अक्टूबर को जब अस्थाना खेमे के डिप्टी एसपी देवेंद्र कुमार के ठिकानों पर तलाशी ली गई, तो सीबीआई चीफ का फोन आया और डोभाल के निर्देश पर जांच रोकने को कहा गया था।
 
24 अक्टूबर को हुआ था सिन्हा का तबादला  
सिन्हा आईपीएस अफसर हैं। उन्हें 2005 में पुलिस वीरता मेडल मिला था। वे अभी नागपुर में सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच के डीआईजी हैं। अस्थाना के खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच उन्हीं की निगरानी में हो रही थी। लेकिन 24 अक्टूबर को उनका नागपुर तबादला कर दिया गया था।  सिन्हा ने कोर्ट से कहा कि उनकी अर्जी पर भी वर्मा की याचिका के साथ ही सुनवाई की जाए। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनका तबादला नागपुर कर दिया गया है और इस वजह से वह अस्थाना के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच से बाहर हो गए हैं। सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि वह सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा के नेतृत्व में सक्रियता से अस्थाना के कथित भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रहे थे। 
 
हमें कुछ नहीं चौंकाता -कोर्ट
सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अपने नागपुर तबादले को चुनौती दी है। उनके वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ऐसे सबूत हैं, जो चौंका देंगे। लेकिन कोर्ट ने कहा कि अब हमें कुछ नहीं चौंकाता। कोर्ट ने अर्जी पर तुरंत सुनवाई से इनकार किया, लेकिन कहा कि याची मंगलवार को सीबीआई चीफ की सुनवाई के दौरान मौजूद रहे।
 
एक और सीबीआई अफसर कोर्ट में
वहीं सीबीआई के एक अन्य अधिकारी डिप्टी एसपी अश्वनी कुमार गुप्ता भी अपने तबादले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर चुके हैं। उनके मामले में तुरंत सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है।  अश्वनी कुमार गुप्ता का कहना है कि वे स्टर्लिंग बायोटेक सीबीआई मामले की जांच कर रहे थे, इस मामले में राकेश अस्थाना की भूमिका भी संदिग्ध है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इसी कारण उनका तबादला किया गया है।
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