नई दिल्ली। देश में 1984 में हुए दिख दंगों के मामले में 34 साल बाद पहली बार अदालत का फैसला आया है। 34 साल बाद अदालत ने इन दंगों से जुड़े एक मामले में दो लोगों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने दिल्ली के महिपालपुर गांव के दो लोगों को सिख युवकों की हत्या में दोषी करार किया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के निर्देश पर साल 2015 में एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) के बनने के बाद से यह पहला ऐसा केस है, जिसमे तीन सालों के भीतर नतीजा सामने आया है।
इस मामले में एडिशनल सेशन जज अजय पांडे ने 130 पन्नों के अपने फैसले में दिल्ली के दो युवकों नरेश सेहरावत और यशपाल सिंह को सिख युवकों की हत्या का दोषी करार दिया। अदालत इन दोनों दोषियों को गुरुवार यानी आज सजा सुनाएगी। अदालत ने इन दोनों पर हत्या के साथ ही हमले के इरादे से घर में जबरन घुसने, हत्या की कोशिश, घातक हथियार से चोट पहुंचाने, डकैती, आग लगाने की शरारत जैसे अपराधों के लिए भी दोषी ठहराया। 34 साल पहले हुए सिख दंगे से जुड़े इस मामले में नतीजे तक पहुंचने के लिए अदालत ने एसआईटी और जांच अधिकारी की तारीफ की। जिन्होंने हर सुनवाई पर मौजूद रहकर केस की कार्यवाही बाधित नहीं होने दी।