नई दिल्ली। देशभर से आए तीन हजार से अधिक साधु संतों ने केंद्र और उत्तरप्रदेश सरकारों को रविवार को 'धर्मादेश' दिया कि वह कानून अथवा अध्यादेश या किसी अन्य माध्यम से अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे। अखिल भारतीय संत समिति के दिल्ली में तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित दो दिवसीय 'धर्मादेश संत महासम्मेलन' के समापन अवसर पर समिति के अध्यक्ष रामानंदाचार्य हंसदेवाचार्य ने धर्मादेश पढ़ कर सुनाया। उन्होंने कहा कि हर हाल में मंदिर बनाया जाए। समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि राम मंदिर के लिए सरकार कानून लाए या अध्यादेश, यही है संतों का धर्मादेश। उन्होंने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध भी कर सकती है।
संत बनाएंगे जनमत
स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि लोकतंत्र में जनमत के आधार पर फैसले लिये जाते हैं। इसलिए संत देश में जनमत बनाने का काम करेंगे। जनमत बनाने के लिए इस माह 25 नवंबर को अयोध्या, नागपुर और बेंगलुरु में संतों की विशाल धर्मसभाएं आयोजित की जाएंगी तथा इसके पश्चात 500 जिलों में बड़ी बड़ी सभाएं की जाएंगी। तत्पश्चात नौ दिसंबर को नयी दिल्ली में विशाल धर्मसभा होगी जिसमें दस लाख से अधिक लोगों के आने की संभावना है। 18 दिसंबर को गीता जयंती से एक सप्ताह तक धार्मिक अनुष्ठान करने को भी कहा गया है।