नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर जनवरी 2019 तक सुनवाई टाल दी है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच में अयोध्या राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या जमीन विवाद मामले की आखिरी सुनवाई शुरू हो गई है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली तीन जजों की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। इलाहाबाद हाई कोर्ट 2010 के फैसले के खिलाफ रामलला विराजमान, हिंदू महासभा और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की थी।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक जनवरी में होने वाली तारीख का ऐलान नहीं किया है लेकिन कोर्ट ने यह जरूर कहा है कि अयोध्या मामले पर तुरंत सुनवाई नहीं होगी। कोर्ट ने जमीन विवाद पर जनवरी 2019 तक टालने की बात कही है। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि को तीन भागों में बांटने वाले 2010 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कई याचिकाएं शीर्ष अदालत में दायर की गई हैं।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) रंजन गोगोई और जस्टिस संजय किशन कौल व जस्टिस के एम जोसफ की बेंच इस मामले में दायर अपीलों पर सुनवाई कर रही है। शीर्ष अदालत ने 27 सितंबर को 1994 के अपने उस फैसले पर पुनर्विचार के मुद्दे को पांच जजों वाली बेंच को सौंपने से इनकार कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि मस्जिद इस्लाम का अनिवार्य अंग नहींहै। यह मुद्दा अयोध्या भूमि विवाद की सुनवाई के दौरान उठा था।