नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई में घमासान मचा हुआ है। भ्रष्टाचार का जिन्न बोतल से बाहर क्या निकला कि सीबीआई के दो टॉप अफसर आमने-सामने आ गए। अब तक इस मामले में खामोश बैठी मोदी सरकार को आखिरकार सख्त कदम उठाना पड़ा। मंगलवार की देर रात सीवीसी के आला अफसरों की एक बैठक बुलाई गई। जिसके खत्म होते ही विवादित अधिकारी आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर जाने का फरमान सुना दिया गया। इसके अलावा 13 तबादले हुए और नंबर तीन अधिकारी को भी छुट्टी पर भेज दिया गया।
सीबीआई में निदेशक और विशेष निदेशक की लड़ाई में रिश्वतखोरी का बड़ा मामला उजागर हुआ। पोल खुलने के बाद दोनों अफसर दुश्मन बन बैठे। सरकार पहले तमाशा देखती रही और फिर एक्शन में आई। मंगलवार देर रात केंद्रीय सतर्कता आयुक्त ने अहम बैठक बुलाकर सभी आला अधिकारियों के साथ कोरम पूरा किया।
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) खुद पहले से वहां मौजूद थे। बैठक में सीबीआई में चल रहे तनाव को लेकर बातचीत शुरू हुई। आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना एक दूसरे पर जो इल्जाम लगा रहे थे, उनकी फेहरिस्त सबके सामने थी। सबसे बड़ा मामला था जांच को निष्पक्ष कराने का।
आधी रात को छुट्टी पर भेजा वर्मा-अस्थाना को
इस लंबी बैठक के बाद तय हुआ कि दोनों विवादित अधिकारियों को एजेंसी से दूर किया जाए। लिहाजा, रात 11 बजे आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजने का फैसला लिया गया। ताकि मामले की जांच सही और निष्पक्ष तरीके से की जा सके। साथ ही दोनों अधिकारियों के दफ्तर और दस्तावेज सील किए जाना तय हुआ। बैठक जारी थी। रात के 11 बजकर 30 मिनट पर सीबीआई के अंतरिम निदेशक के तौर पर नागेश्वर राव की नियुक्ति किए जाना तय हो गया। सीवीसी के अधिकारी अब सभी अहम बातों पर एकमत हो चुके थे। लिहाजा, देर तक चली बैठक खत्म हुई। फौरन इस फैसले की जानकारी केंद्र सरकार को दी गई।
रात सवा बजे राव ने लिया चार्ज
इस दौरान नागेश्वर राव को चार्ज लेने के लिए बुलावा भेज दिया गया था। इससे पहले कि नागेश्वर वहां पहुंचते, रात के एक बजे अचानक दिल्ली पुलिस की टीम ने सीबीआई दफ्तर के एक खास हिस्से को सीज कर दिया। रात के 1 बजकर 15 मिनट पर नागेश्वर राव, सीबीआई के दफ्तर पहुंच गए और 1 बजकर 30 मिनट पर उन्होंने चार्ज ले लिया। नागेश्वर राव सीधे सीबीआई दफ्तर के 11वें फ्लोर पर पहुंचे, और उनके निर्देशन में आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के दफ्तरों की तलाशी ली गई। इसके बाद रात के 2 बजे दोनों के दफ्तरों को सील कर दिया गया। 11वें फ्लोर को सील करने के बाद नागेश्वर ने 10वें फ्लोर पर मौजूद सभी दफ्तरों की चाबी भी अपने पास मंगवा कर रख ली। नागेश्वर राव पूरे एक्शन में नजर आ रहे थे।
13 अधिकारियों के तबादले
बुधवार की सुबह 6 बजे नागेश्वर राव ने इस मामले से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट मंगाई। ऐसा लग रहा था कि नागेश्वर पूरी तैयारी के साथ आए थे। सुबह के 9 बजे उन्होंने इस केस से जुड़े सभी 13 अधिकारियों के तबादले कर दिए। फिर राकेश अस्थाना से जुड़े मामले को उन्होंने फास्ट ट्रैक में भेज दिया। सुबह होते-होते सीबीआई की पूरी टीम ही बदल गई।
नंबर तीन को भी छुट्टी पर भेजा
बुधवार की सुबह तक सब कुछ बदल चुका था। सुबह 11 बजे डीएसपी बस्सी को पोर्ट ब्लेयर भेज दिया गया। अस्थाना से जुड़े अधिकारी मनीष सिन्हा को भी हटा दिया गया। दोपहर 12 बजे अस्थाना के मामले की जांच के लिए 3 सदस्यों वाली नई टीम बनाई गई। 3 बजे आरोपी डीएसपी देवेंद्र से पूछताछ शुरू की गई। इससे पहले 1 बजे 10वें, 11वें फ्लोर को दोबारा खोल दिया गया। शाम होते होते एजेंसी में नंबर 3 की हैसियत रखने वाले एके शर्मा को भी छुट्टी पर भेज दिया गया।
एसआईटी करेगी मामले की जांच
केंद्र ने कहा कि सीबीआई की ऐतिहासिक छवि रही है और उसकी ईमानदारी को बनाए रखने के लिए ऐसा करना जरूरी हो गया था। सीवीसी की अनुशंसा पर एक एसआईटी पूरे मामले की जांच करेगी। केंद्र ने यह भी साफ किया अगर अधिकारी निर्दोष होंगे तो उनकी वापसी हो जाएगी। बता दें कि केंद्र ने सख्त एक्शन लेते हुए सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया है।
राहुल का राफेल राग... मोदी ने सीबीआई को कहीं का नहीं छोड़ा
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल मामले से जुड़े दस्तावेज जुटा रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक आलोक वर्मा को जबरन छुट्टी पर भेजने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घबराहट करार दिया। कांग्रेस अध्यक्ष ने बुधवार को कहा कि मोदी ने जिस तरह से सीबीआई निदेशक को जबरन छुट्टी पर भेजा है उससे उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया है कि राफेल सौदे से जुड़े घोटाले के आसपास आने का जो भी प्रयास करेगा उसको समाप्त कर दिया जाएगा और उसे कहीं का नहीं छोड़ेंगे।