नई दिल्ली। फ्रांस के साथ हुए राफेल रक्षा सौदे को लेकर प्रशासनिक और राजनीतिक घमासान के बीच डील पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक और जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका में मांग की गई है कि शीर्ष अदालत की निगरानी में राफेल डील की जांच हो। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में राफेल विमान सौदे में कथित गड़बड़ी की जांच की मांग की है।
उन्होंने कोर्ट से यह भी मांग की है कि मामले की जांच कर रहे सीबीआई के अधिकारियों का ट्रांसफर न किया जाए। गौरतलब है कि प्रशांत भूषण और अरुण शौरी ने 4 अक्टूबर को तत्कालीन सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से मुलाकात की थी और राफेल लड़ाकू विमान सौदे से जुड़ी आॅफसेट निविदा में कथित भ्रष्टाचार की जांच की मांग की थी। अब आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद बदली हुई परिस्थिति में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दावा किया गया है कि उनकी शिकायत पर ऋकफ नहीं हुई, क्योंकि सीबीआई पर काफी दबाव था, जिस वजह से एजेंसी अपने दायित्व का निर्वहन निष्पक्षता से नहीं कर पाई।