नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बैंकों व टेलीकॉम कंपनियों के लिए आधार का प्रयोग अवैध करने के बाद सरकार एक्शन में आ गई है। कंपनियों व बैंकों को सत्यापन में हो रही दिक्कतों के चलते वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि संसद से पारित कानून के जरिये मोबाइल फोन और बैंक खातों को आधार से जोड़ने की व्यवस्था को बहाल किया जा सकता है।
हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या सरकार इसके लिए नया कानून लाएगी। उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने 12 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या आधार को संवैधानिक रूप से वैध ठहराया था लेकिन टेलीकॉम कंपनियों जैसी निजी इकाइयों को सत्यापन के लिए आधार का इस्तेमाल करने से रोक दिया था। जेटली ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि सरकार की संसद में कानून लाएगी या नहीं।
फैसला अच्छा
जेटली ने कहा कि अदालत का फैसला काफी अच्छा फैसला है क्योंकि न्यायालय ने स्वीकार किया है कि आधार के पीछे सरकार का उद्देश्य वैधानिक है। वित्त मंत्री ने एचटी लीडरशिप समिट में कहा कि आधार नागरिकता से जुड़ी पहचान नहीं है। बल्कि यह एक व्यवस्था है। लोगों के लिए विभिन्न सरकारी सहायता और सब्सिडी उपलब्ध कराने की एक प्रणाली होनी चाहिये। यही आधार का मुख्य उद्देश्य है। न्यायालय ने आधार के ज्यादातर उद्देश्यों को सही ठहराया है। आधार के जिन कामों को वैध नहीं ठहराया गया है वे दो श्रेणियों में आते हैं। जिनमें से एक अनुरूपता का सिद्धांत है कि आधार इन मामलों में मदद करेगा और उसके बाद इसे उचित कानून के तहत किया जाएगा।