नई दिल्ली। सरकार ने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम पर लगाम लगाने और उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से गुरुवार को पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में डेढ़ रुपए प्रति लीटर की कटौती करने की घोषणा की। इसके अलावा तेल कंपनियां भी एक रुपए प्रति लीटर दाम घटाएगी जिससे उपभोक्ताओं को प्रति लीटर 2.50 रुपए की राहत मिलेगी लेकिन केन्द्र सरकार को करीब 10,500 करोड़ रुपए का नुकसान होगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यहां संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा करते हुए कहा कि इससे पेट्रोल और डीजल के दाम ढाई रुपए प्रति लीटर कम हो जाएंगे। उन्होंने राज्यों से पेट्रोल और डीजल में वैट पर इतनी ही राशि की कटौती करने की अपील करते हुए कहा कि इस संबंध में वह राज्यों को पत्र लिखेंगें।
उत्पाद शुल्क में कटौती किए जाने से केन्द्र सरकार को 10,500 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। इस दौरान जेटली की अपील पर गुजरात और महाराष्ट्र ने त्वरित कदम उठाते हुए पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने की घोषणा की है। भारतीय जनता पार्टी शासित अन्य राज्यों में भी इन पर वैट कम किये जाने की संभावना जतायी जा रही है।
जेटली ने कहा कि कल लंदन के ब्रेंट क्रूड का वायदा 86 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया था और अमेरिका में ब्याज दर भी बढ़कर 3.2 प्रतिशत हो गया है, जो सात साल का उच्चतम स्तर है। इससे वैश्विक बाजार और विनिमय दर पर असर पड़ा है। इन सबका प्रभाव यह हुआ कि अमेरिका में फिर से डॉलर का निवेश बढ़ गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि हमें वित्तीय घाटा पर असर डाले बिना स्थिति के अनुसार प्रतिक्रिया और राहत देनी होगी। उन्होंने कहा कि तेल विपणन कंपनियों को विदेशी बाजार से तेल बांड के जरिये 10 अरब डॉलर जुटाने की अनुमति दी गयी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उधारी जुटाने में 70 हजार करोड़ रुपये की कमी करते हुए तेल विपणन कंपनियों को यह अनुमति दी है। इसके साथ ही सरकार ने आयात कम करने के लिए कई कदम उठाये हैं। इसके साथ मसाला बांड के जरिये राशि जुटाने की प्रक्रिया को लचीला बनाया गया है। इन सब वृहद आर्थिक कारकों से अर्थव्यवस्था में अस्थायीत्व देखने को मिलेगा।