नई दिल्ली। शुक्रवार की रात लखनऊ में एक ऐसी वारदात हुई जिसके बाद पुलिस महकमा शर्मसार है। लेकिन बात पुलिस महकमे के शर्मसार होने की नहीं है, बल्कि सवाल ये है कि क्या ये सही है कि कोई भी सिपाही किसी को गोली मार दे। एप्पल में काम करने वाले विवेक तिवारी को कसूर कुछ भी रहा हो। लेकिन गोली मारने को पहली नजर में( जांच के पूरी होने तक और फैसला आने तक) जायज नहीं ठहराया जा सकता है। इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है। लेकिन इन सबके बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कुछ अलग रंग नजर आया। उन्होंने यूपी सरकार की कम्यूनल सोच से जोड़ दिया है। ये बात अलग है कि उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है।
वकील अश्विनी उपाध्याय ने दिल्ली के तिलक मार्ग पुलिस स्टेशन में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलफ शिकायत दर्ज कराई है। केजरीवाल के खिलाफ सेक्शन 153 ए, 295ए, 504 और 505 के साथ साथ आईटी एक्ट की सेक्शन 67 में शिकायत दर्ज है। अश्विनी उपाध्याय का कहना है कि केजरीवाल ने जाति और धर्म के आधार पर वैमनस्यता फैलाने के साथ साथ बीजेपी नेताओं को मानहानि किया है।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि लखनऊ की सड़क पर जिस शख्स को मारा गया वो तो हिंदू थे। दरअसल बीजेपी को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। बीजेपी के नेता वोट पाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। उनके लिए किसी के संवेदना से मतलब नहीं है। अपने फायदे के लिए बीजेपी के नेता हिंदुओं का कत्लेआम करा सकते हैं।
विवेक तिवारी तो हिंदू था? फिर उसको इन्होंने क्यों मारा? भाजपा के नेता पूरे देश में हिंदू लड़कियों का रेप करते घूमते हैं? अपनी आँखों से पर्दा हटाइए। भाजपा हिंदुओं की हितैषी नहीं है। सत्ता पाने के लिए अगर इन्हें सारे हिंदुओं का क़त्ल करना पड़े तो ये दो मिनट नहीं सोचेंगे।
ये बात अलग है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बयान से मृतक विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना ने इत्तेफाक नहीं रखा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे के सांप्रदायिककरण की जरूरत नहीं है। यूपी के सीएम से वो मिलीं और उन्होंने भरोसा दिया है कि उनके साथ न्याय किया जाएगा।