श्रीनगर। भारत-पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास पाकिस्तानी सेना और रेंजन के कम से कम 11 जवानों को भारतीय सुरक्षा बलों ने मार गिराया है। यह दावा सीमा सुरक्ष बल के महानिदेशक के के शर्मा ने किया है। इसकी पुष्टि केन्द्रीय गृहमंत्री ने भी कर दी है और उन्होंने कहा है कि सेना एवं सीमा बल को इस प्रकार की कार्रवाई के लिए पूरी छूट दी गयी है। आपको बता दें कि जम्मू इलाके में बीएसएफ के हेड कांस्टेबल नरेंद्र शर्मा के साथ पाकिस्तानी सैनिकों के द्वारा बर्बरता की गयी थी। इस कार्रवाई को उसी के बदले के रूप में अंजाम दिया गया है।
सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक शर्मा ने कहा है कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर दो दिन पहले हुई इस पहली जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी सेना और पाक रेंजर्स के खिलाफ अगली कार्रवाई की भी पूरी तैयारी है। उन्होंने कहा कि उसे जल्द से जल्द अंजाम दिया जाएगा। इधर राजनाथ सिंह ने मुजफ्फरनगर में कहा कि सेना और बीएसएफ को अपनी जरूरत के मुताबिक सीमा पर कार्रवाई की छूट है।
शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि दो दिन पहले एलओसी पर बीएसएफ ने सेना की मदद से भीषण कार्रवाई को अंजाम दिया। इसमें पाकिस्तानी सेना और रेंजर्स के कम से कम 11 जवान मार गिराए गए। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सेना को निर्देश दिया गया है कि पहले अपनी तरफ से गोली मत चलाना। दूसरी तरफ से गोली आए तो जवाब में अपनी गोलियों की संख्या मत गिनना।
शर्मा के मुताबिक, 19 सितंबर की घटना के बाद बीएसएफ की जवाबी कार्रवाई के डर से पाकिस्तानी सेना ने आईबी पर अपनी सीमा के पांच किमी का इलाका खाली कर दिया था। इससे बीएसएफ आईबी पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही है। आने वाले दिनों में पाक सेना और रेंजर्स के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाई की तैयारी है।
शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान में इमरान सरकार बनने के बाद सीमा पर आक्रामकता बढ़ी है। आईबी पर पाकिस्तान ने पहली बार बैट ऑपरेशन कर भारत को बड़ी चुनौती दी है। नरेंद्र शर्मा के साथ बैट ऑपरेशन के तहत ही बर्बरता की गई। पाकिस्तान का बैट ऑपरेशन हमेशा एलओसी पर ही होता है। आईबी पर यह घटना पहली बार हुई है।
डीजी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दर्जनों पाकिस्तानी आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप और लॉन्चिंग पैड काम कर रहे हैं। इनमें से कुछ तो सीमा से सिर्फ पांच से सात किलोमीटर पर हैं। यहां सैकड़ों आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। मौका पाते ही वह प्रशिक्षित आतंकियों को घुसपैठ कराने की कोशिश करेंगे।
पाकिस्तान अपनी सरकारी नीति के तहत ऐसा कर रहा है। पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हुई सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ पर मानाए जा रहे पराक्रम दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने जोधपुर में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की। रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भांवरे और तीनों सेनाओं के 19 शीर्ष कमांडर भी इसमें शामिल हुए। सरकार इसे संयुक्त कमांडर कांफ्रेस का नाम दे रही है, लेकिन एलओसी और आईबी पर फैले तनाव को देखते हुए बैठक अहम मानी जा रही है।