नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्यों को पेंडिंग मामलों को लेकर भयभीत नहीं होना चाहिए क्योंकि कोर्ट कोई 'नरभक्षी बाघ' नहीं है। जस्टिस मदन बी लुकुर और दीपक गुप्ता की बेंच ने कहा, 'हम कोई बाघ नहीं हैं। उन्हें डरना नहीं चाहिए।' कोर्ट ने ऐसा तब कहा जब वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी एक प्राइवेट फर्म की तरफ से पेश हुए और उन्होंने कहा कि कंपनी के खिलाफ अवैध खनन की याचिका आंध्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए दाखिल की है।
आंध्र सरकार ने ट्रिमेक्स ग्रुप द्वारा किए जाने वाले खनन के काम पर रोक लगा दी थी। रोहतगी ने कहा, 'यह मामला अवैध खनन का नहीं था बल्कि राज्य सरकार ने ऐसा निर्णय लिया क्योंकि अपेक्स कोर्ट में सुनवाई चल रही थी।' वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि राज्य ने कंपनी का लाइसेंस केवल सस्पेंड किया है जबकि लाइसेंस रद्द करके धन वसूला जा सकता था।