नई दिल्ली। समय के साथ मशीनीकरण तेजी से हो रहा है। इसका असर मानव कौशल से जुड़ीं नौकरियों पर भी पड़ रहा है। मशीनीकरण की रफ्तार देखते हुए एक आंकलन के मुताबिक वर्ष 2025 तक कार्यस्थलों के आधे से अधिक कार्य मशीनों द्वारा किये जाने लगेंगे। हालांकि एक तरफ नौकरियां जाएंगी तो दूसरी तरफ नौकरियां पैदा भी होंगी। मसलन, रोबोट क्रांति से अगले पांच साल में 5.8 करोड़ नई नौकरियां भी सृजित होंगी। एक अध्ययन में यह जानकारी दी गयी है।
विश्व आर्थिक मंच के एक नये शोध ‘दी फ्यूचर आॅफ जॉब्स 2018’ के अनुसार, स्वचालन तथा रोबोटों को अपनाने से मनुष्यों के काम करने के तरीके में भारी बदलाव आएगा। हालांकि रोजगारों की कुल संख्या के बारे में परिदृश्य सकारात्मक ही है। सर्वेक्षण में शामिल कंपनियों ने कहा कि अभी कुल कार्य का 71 प्रतिशत मनुष्य करते हैं जबकि 29 प्रतिशत मशीनें। वर्ष 2022 में मनुष्यों की हिस्सेदारी कम होकर 58 प्रतिशत पर आ जाएगी तथा मशीनों द्वारा 42 प्रतिशत कार्य किया जाने लगेगा। वर्ष 2025 तक मशीन 52 प्रतिशत कार्य करने लगेंगी।