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माओवादी शुभचिंतक देश की शांति के लिए खतरा- महाराष्ट्र सरकार

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 18 2018 9:38AM | Updated Date: Sep 18 2018 9:38AM
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नई दिल्ली। नक्सलियों से संपर्क रखने और गैरकानूनी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में 19 सितंबर तक के लिए सुनवाई टल गई है। ऐसे में गिरफ्तार किए गए 5 'माओवादी शुभचिंतकों' को दो और दिन तक घर में ही नजरबंद रहना होगा। इससे पहले सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इनसे देश में शांति भंग का खतरा है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 5 आरोपियों के खिलाफ पुणे पुलिस की ओर से जुटाई गई सामग्री की जांच करने की बात कही। 
 
राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता तुषार मेहता ने कहा, 'आरोपी केवल भीमा-कोरेगांव के मामले में गिरफ्तार नहीं हुए हैं, आशंका है कि वो देश में शाति भंग करने के प्रयास में भी हैं।' दूसरी तरफ इन आरोपों का खंड करते हुए बचाव पक्ष के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस मामले की एसआईटी से जांच होनी चाहिए या फिर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इन्वेस्टिगेशन होनी चाहिए।
 
केस की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा, 'हम किसी अतिवादी प्रचार के साथ नहीं हैं, लेकिन यह देखना चाहते हैं कि मामला सीआरपीसी के तहत या फिर संविधान के अनुच्छेद 32 से जुड़ा है या नहीं।' केंद्र की ओर से पेश अधिवक्ता महिंदर सिंह ने कहा, 'माओवादियों का खतरा देश में दिन प्रति दिन बढ़ रहा है। ये आरोपी लोग असामाजिक गतिविधियों को बढ़ाने में शामिल हैं और इनसे देश को खतरा है।' 
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