नई दिल्ली। फेसबुक पर फोटो और वीडियो के जरिये फैलाई जा रही गलत जानकारियों पर अब फेसबुक नकेल कसने की तैयारी में है। कंपनी के मुताबिक सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए फोटोज और वीडियोज को टेक्नोलॉजी और रिव्यूअर्स की मदद से फैक्ट चेक करेगी।
फेसबुक प्रोडक्ट मैनेजर टेसा ल्योन्स ने एक स्टेटमेंट में कहा है, ‘किसी आर्टिकल की तरह गलत दावे किसी फोटो या बैकग्राउंड आॅडियो और वीडियो के जरिए आपको दिखाए जा सकते हैं। गलत जानकारियों से लड़ने के लिए हमें अलग अलग कॉन्टेंट टाइप्स का फैक्ट चेक करना होगा’। फेसबुक ने कहा है, ‘हमारे थर्ड पार्टी फैक्ट चेकिंग पार्टनर्स फोटोज और वीडियोज को समझने में एक्सपर्ट्स हैं।
इनके पास वेरिफेकशन के लिए कई तरीके होते हैं जैसे रिवर्स इमेज सर्च और इमेज के मेटाडेटा से जानकारी हासिल करना। मेटा डेटा यानी कब और कहां ये तस्वीर क्लिक की गई थी। फैक्ट चेक करने वाले अपनी स्किल्स को यूज करके फोटोज और वीडियो की सच्चाई की पड़ताल कर सकते हैं। इसके अलावा वो एक्सपर्ट्स और सरकारी एजेंसियों से इन मामलों पर जानकारी लेकर भी फैक्ट चेक कर सकते हैं।