नई दिल्ली। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण सहारनपुर जेल से रिहा हो गया। रावण को साल 2017 में सहारनपुर जेल में जातीय दंगा फैलाने के आरोप में जेल भेजा गया था। बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने रावण को रिहा करने का आदेश दे दिया था जिसके बाद गुरुवार की रात उसे रिहा कर दिया गया।
रावण की रिहाई के लिए जेल के बाहर काफी लोग मौजूद थे। जेल से रिहा होते ही रावण ने सभा को संबोधित किया। इस सभा के दौरान रावण ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में बीजेपी को मार का स्वाद चखाना है। बीजेपी को सत्ता से ही नहीं बल्कि विपक्ष से भी बाहर करना है।
भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद 'रावण' को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार समय से पहले जेल से रिहा करने के आदेश दिए थे। इसको लेकर विपक्ष भाजपा सरकार की कड़ी आलोचना भी करता रहा है।
योगी सरकार की प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक रावण की मां की याचिका पर गौर करते हुए समयपूर्व रिहाई करने का फैसला लिया गया है। वैसे चंद्रशेखर रावण को एक नवंबर, 2018 तक जेल में गुजारना था, लेकिन अब उन्हें जल्द ही रिहा किया जाएगा। रावण के साथ दो अन्य आरोपियों सोनू पुत्र नाथीराम और शिवकुमार पुत्र रामदास को भी रिहा करने का निर्णय लिया गया है।
पिछले साल सहारनपुर में दलितों और ठाकुरों के बीच हुए जातीय दंगों की वजह से करीब एक महीने तक जिले में तनाव फैला रहा। इसी दौरान भीम आर्मी के संस्थापक को पुलिस प्रशासन ने हिंसा का मुख्य आरोपी बनाया और गिरफ्तार कर लिया। इतना ही नहीं, डीएम सहारनपुर की आई रिपोर्ट के आधार पर रावण के खिलाफ रासुका लगा दिया। इसको लेकर दलित समुदाय के लोगों ने दिल्ली तक प्रदर्शन किया।