नई दिल्ली। ऐसी बीमारियां जिनके इलाज से मरीज की जान बचाई जा सकती थी, उनके कारण भारत में एक साल में 24 लाख से अधिक मरीज को जान गंवानी पड़ी। खास बात ये है कि इनमें से एक तिहाई मामलों में ही मौत बिना इलाज होती है, शेष दो तिहाई मरीज सही इलाज न मिलने के कारण दम तोड़ देते हैं।
प्रसिद्ध साइंस जर्नल लैंसेट ने 137 देशों की स्वास्थ्य सुविधाओं का अध्ययन कर तैयार की गई अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। भारत की जननी सुरक्षा योजना का उदाहरण देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि 13 साल पहले शुरू की गई योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए नकद प्रोत्साहन दिया जाता था।
50 करोड़ महिलाओं ने इस योजना का लाभ लिया। लेकिन इससे मातृ मृत्यु दर में कोई सुधार नहीं आया। दक्षिण एशिया का रिकॉर्ड खराब है। यहां 2016 में ऐसी कुल 30 लाख 16 हजार 686 मौतें इलाज योग्य बीमारियों से हुईं। इसमें से 19 लाख 44 हजार 44 मौतें घटिया इलाज की वजह से हुईं।