नई दिल्ली। भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी द्वारा पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ किए गए 13 हजार करोड़ रुपए के घोटाले से शुरुआत में सिर्फ बैंकिंग सेक्टर प्रभावित लग रहा था। लेकिन अब इसके और भयंकर परिणाम सामने आए हैं, जिनकी उम्मीद नहीं की गई थी। अब सामने आया है कि घोटाले का खुलासा होने के बाद हुई सख्ती से छोटे व्यापारियों को मानों नष्ट कर दिया है।
दरअसल, घोटाला खुलने के बाद केंद्रीय बैंक (आरबीआई) ने विदेशी मुद्रा की छोटी फाइनेंसिंग टर्म या लेटर आॅफ अंडरटेकिंग (एलओयू) को ही बंद कर दिया। फेडरेशन आॅफ इंडियन एक्सपोर्ट आॅर्गेनाइजेशन के डायरेक्टर जनरल अजय सहाय मानते हैं कि इससे निर्यातकों और आयातकों के लिए फंड्स की कीमत में बढ़ोतरी हो गई क्योंकि अब इंडस्ट्री को नए क्रेडिट टूल्स का इस्तेमाल करना पड़ता है।
इसका सबसे ज्यादा असर छोटी व्यापारियों पर पड़ा है क्योंकि एलओयू पर बैन ने उनके मार्जिन और प्रतिस्पर्धा को बिल्कुल नष्ट कर दिया है। खासकर हीरा कारोबीरियों के लिए अब ट्रेड क्रेडिट को बरकरार रख पाना मुश्किल होता जा रहा है।
भारत रत्न और हीरे के कारोबार का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारी है, लेकिन पीएनबी घोटाले के बाद निर्यात में कमी आई है और व्यापार घाटा भी बढ़ रहा है। रत्न और जूलरी के व्यापार में अप्रैल-जुलाई में पिछले साल के मुकाबले 1.5 प्रतिशत की गिरावट आई जिससे यह 13.8 बिलियन डॉलर पर आ गया।