नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर हैं, लेकिन पार्टी 2019 के लिहाज से अपनी रणनीति को अंजाम देने में जुटी है। कांग्रेस संगठन महासचिव अशोक गहलोत और कोषाध्यक्ष अहमद पटेल ने इसके लिए सबसे पहले अपने खर्चों में कटौती और फंड इकट्ठा करने का निर्देश जारी किया है।
कांग्रेस के महासचिवों, प्रभारियों और फ्रंटल संगठन के अध्यक्षों के साथ हुई बैठक ये 5 निर्देश दिए गए जिनका पालन करना होगा और निर्धारित वक्त में रिपोर्ट भी देनी होगी। सबसे पहले तो पार्टी का मानना है कि वो फंड की कमी से जूझ रही है, इसलिए अपने नेताओं से वो आम जनता से भी फंड मांगने को कह रही है।
फंड के लिए जारी किए नए निर्देश
हर एक बूथ पर घर-घर जाकर कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी के लिए चंदा इकट्ठा करें। इससे पार्टी का फंड तो इकट्ठा होगा ही, साथ ही पार्टी के पास बूथ स्तर पर मतदाताओं का डेटा भी इकट्ठा हो जाएगा। दरअसल, कांग्रेस को लगता है कि बूथ पर ही चुनावी संजीवनी बूटी है, जहां वोट के साथ नोट भी है।
महासचिवों और प्रभारियों में जो सांसद हैं, उनसे अपने राज्यों में जाने के खर्च को खुद उठाने की गुजारिश भी की गई।
महासचिवों और प्रभारियों से कहा गया है कि वो अपने सहयोगी सचिवों को एक हजार किलोमीटर से कम की यात्रा ट्रेन से करने की सलाह दें। अचानक जरूरत पड़ने पर ही जहाज का इस्तेमाल करें। साथ ही यात्रा का कार्यक्रम एक साथ लंबा बनाएं, जिससे बार-बार टिकट का खर्च बचे।
साथ ही संगठन के पदाधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि जहां भी पार्टी का पैसा खर्च करना है वहां कटौती करें और कम से कम खर्चे का बजट बनाएं।
रैलियों और पार्टी कार्यक्रमों के लिए पार्टी के फंड पर कम से कम निर्भर रहने को कहा गया है। इसके लिए लोकल स्तर पर नेताओं को चंदा मांगने को कहा गया है।
सूत्रों के मुताबिक, साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कूपन दिए जाएंगे, जिसमें बारकोड और होलोग्राम भी होगा जो जितना चंदा देगा, उसको कूपन भी दिया जाएगा।