नई दिल्ली। देश में बढ़ती मॉब लिन्चिंग की घटनाओं पर फेसबुक, वॉट्सएप जैसी सोशल मीडिया कंपनियों के अधिकारियों की भी जवाबदेही तय हो सकती है। मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर काबू पाने के तरीकों का सुझाव देने के लिए बनाई गई सचिवों की समिति का एक प्रमुख सुझाव यह भी है। इसके अलावा ऐसी घटनाओं पर आईपीसी में नए प्रावधान जोड़कर कानून को सख्त बनाने की सिफारिश भी की गई है।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को इस पैनल की सिफारिशों पर चर्चा की गई है। केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली सचिवों की समिति की प्रमुख सिफारिशों में से एक, भारत में सोशल मीडिया साइटों के शीर्ष अधिकारियों पर जिम्मेदारी डालना है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि जीओएम की यह पहली बैठक थी और मंत्रियों को समिति की सिफारिशों के बारे में जानकारी दी गई।
ऐसा माना जा रहा है कि लिन्चिंग पर बनी कमिटी ने संसदीय अनुमोदन के जरिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और दंड प्रक्रिया संहिता में नए प्रावधान शामिल कर कानून को सख्त बनाने की सिफारिश की है। अधिकारी ने बताया कि उम्मीद है कि अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देने के लिए जीओएम अगले कुछ हफ्तों में और बैठकें कर सकता है। बाद में अंतिम फैसले के लिए इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास भेजा जाएगा।