भोपाल। एससी-एसटी एक्ट और जातिगत आधार पर आरक्षण के खिलाफ प्रदेश में माहौल गर्म है। 6 सितंबर को सवर्णों के बंद ने सरकार का टेंशन बढ़ा दिया है। पुलिस मुख्यालय को प्रदेश के 45 जिलों में बंद के प्रभावी असर का इनपुट मिला है। इस बंद का सपाक्स के साथ 35 संगठनों ने समर्थन किया है। इस इनपुट के बाद पीएचक्यू ने सभी संभागों में अतिरिक्त पुलिस फोर्स मुहैया करा दिया है।
तीन जिलों मुरैना, भिंड और शिवपुरी में एहतियात के तौर पर मंगलवार को धारा 144 तत्काल प्रभाव से लगा दी गई है। यह सात सितंबर तक प्रभावी रहेगी। के पुलिस महानिरीक्षक (इंटेलीजेंस) मकरंद देउस्कर ने बताया कि भारत बंद के मद्देनजर प्रदेश के सभी 51 जिलों के पुलिस अधीक्षकों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
45 जिलों में हुई सवर्णों की बैठक
प्रदेश के उज्जैन, ग्वालियर, चंबल, कटनी, सतना, जबलपुर, सीधी, रीवा, हरदा, विदिश, सागर, टीकमगढ़ सहित 45 जिलों में सपाक्स ने सवर्णों के दूसरे संगठनों के साथ बैठक की। संगठनों ने व्यापारी संगठनों से समर्थन मांगा है। सपाक्स की सक्रियता के कारण नेताओं में खलबली है। प्रदेश से दिल्ली तक टेंशन का माहौल है। भोपाल के एक गांव में तो बैनर लगाकर लिख दिया गया कि ये सवर्णों का गांव है।
घरों पर लगे पोस्टर, ‘यह घर सामान्य वर्ग का है’
मुरैना जिले में कई घरों पर लोगों ने अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम में संशोधन का विरोध करते हुए राजनीतिक दलों को संबोधित करते हुए पोस्टर लगाए गए हैं। पोस्टर में कहा गया है कि यह घर सामान्य या अन्य पिछड़ा वर्ग का है और राजनीतिक दल वोट मांग कर शर्मिंदा नहीं करें।
सोशल मीडिया पर नजर
- प्रशासन का कहना है कि सोशल मीडिया पर किसी भी ऐसे संदेश का आदान-प्रदान नहीं किया जाएगा, जिससे किसी भी धर्म संप्रदाय जाति विशेष की भावना आहत हो। सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने वाले के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
- अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम में हाल ही में संशोधन किए जाने के बाद पांच सितंबर को इसके समर्थन में कुछ दलित संगठनों द्वारा धरना प्रदर्शन किए जाने एवं छह सितंबर को इस एक्ट के विरोध में सपाक्स आदि संगठनों द्वारा बंद रखे जाने की जानकारियां विभिन्न माध्यमों द्वारा आ रही हैं।
प्रदेश कैबिनेट ने जताई चिंता
भोपाल में मंगलवार शाम प्रदेश कैबिनेट की बैठक हुई। कैबिनेट ने एससी-एसटी एक्ट को लेकर हो रहे विरोध पर चिंता जताई है। कैबिनेट ने सभी वर्गों से शांति बनाए रखने की अपील की है। नेताओं से भी कहा गया है कि वो समझदारी से काम लें। बैठक में मौजूद मंत्रियों ने सवर्ण आंदोलन और विरोध की घटनाओं पर चिंता जताई।
सांसद बोलीं-काट लो मेरी गर्दन
सीधी से भाजपा सांसद रीति पाठक एससी/एसटी एक्ट पर घिर गईं। एक्ट का विरोध कर रहे लोगों के साथ भाजपा सांसद की कहासुनी हो गई। वे शहडोल जिले के ब्यौहारी में एक कार्यक्रम में पहुंची थीं। इस दौरान वहां मौजूद कुछ लोगों ने सांसद से सवाल किया कि जब एससी एसटी एक्ट को पास किया जा रहा था तो उन्होंने कोई आपत्ति क्यों नहीं दर्ज कराई? इस पर सांसद ने कहा कि काट लो मेरी गर्दन। यह बात सुन वहां मौजूद लोगों ने सांसद से कहा कि उन्हें यह बात शोभा नहीं देती।
अमित शाह की मंत्रियों के साथ बैठक
सरकार के खिलाफ सवर्ण जातियों की बढ़ती नाराजगी को देखते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को अरुण जेटली, निर्मला सीतारमण, प्रकाश जवाडेकर, जेपी नड्डा, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल और स्मृति ईरानी के साथ बैठक की। इसमें इस बात पर चर्चा हुई कि सरकार की ओर से ओबीसी और दलितों को लेकर किए गए फैसलों से सवर्ण जाति में नाराजगी फैल रही है इसे कैसे दूर किया जाए।