नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सरकारी विभागों और मंत्रालयों के लिये कर्मचारियों के चयन हेतु 2017 में आयोजित परीक्षाओं के परिणाम की घोषणा पर आज रोक लगाते हुये कहा कि पहली नजर में ऐसा लगता कि परीक्षा की पूरी प्रक्रिया ही दूषित थी। न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने परीक्षाओं के नतीजों की घोषणा पर रोक लगाते हुये कहा कि कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की संयुक्त स्नातक स्तर और सीनियर सेकेण्डरी स्तर की 2017 की दूषित परीक्षा का लाभ लेकर सेवा में आने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इससे पहले, पीठ ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो की स्थिति रिपोर्ट का अवलोकन किया जिसमे कर्मचारी चयन आयोग के अनेक अधिकारियों और परीक्षा के प्रश्न पत्र के संरक्षक पर आक्षेप लगाये गये थे।