नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के अनुच्छेद 35 A पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई एक बार फिर टल गई है। अब अगली सुनवाई 19 जनवरी को होगी। इससे पहले तक उम्मीद थी कि आज सुप्रीम कोर्ट इस मामले को संविधान पीठ में भेजने पर फैसला कर सकता है।
इधर कश्मीर में सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई है। श्रीनगर में अलगाववादियों के बंद को देखते हुए सेना भी मुस्तैद हो गई है। पत्थरबाजों से निपटने के लिए फौज ने मोर्चा संभाल लिया है।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने अश्विनी उपाध्याय की ओर से दायर नई याचिका पर सुनवाई टाल दी है। वहीं जम्मू-कश्मीर में निकाय चुनाव को देखते हुए सुनवाई स्थगित की जाने की मांग की गई।
इस बारे में राज्य सरकार के वकील एम शोएब आलम ने सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखी। खत में कहा गया कि राज्य सरकार आगामी पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय और निगम चुनावों की तैयारी को देखते हुए मामले की सुनवाई स्थगित रखे।
राष्ट्रपति के आदेश के बाद 14 मई 1954 को आर्टिकल 35ए (Article 35A) प्रकाश में आया था। आर्टिकल 35ए राज्य विधानसभा को यह अधिकार देता है कि वह राज्य के स्थायी निवासियों की घोषणा कर सकती है और उनके लिए विशेष अधिकार निर्धारित कर सकती है।
यह अनुच्छेद 14 मई 1954 से जम्मू-कश्मीर में लागू है। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के आदेश पर यह अनुच्छेद पारित हुआ था। सर्वोच्च न्यायालय में इस आर्टिकल की वैधता को चुनौती दी गई है। याचिका में आर्टिकल को रद्द करने की मांग की गई है।