नई दिल्ली। 2019 के आम चुनाव से पहले ईवीएम को लेकर सियासी दलों में आम सहमति नहीं बन पा रही है। इस बीच, मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी संबंधी तमाम दलों की चिंताओं पर आयोग गंभीर है और आम चुनाव से पहले इसका निराकरण कर देगा।
चुनाव आयोग और सभी राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त दलों के प्रतिनिधियों की सोमवार को अहम बैठक हुई, जिसमें चुनाव प्रक्रिया को दुरुस्त करने पर चर्चा हुई। कांग्रेस सहित तमाम अन्य दलों द्वारा मतपत्र से मतदान कराने की मांग के सवाल पर रावत ने कहा, ‘कुछ दलों का कहना है कि मतपत्र पर वापस लौटना अच्छा नहीं होगा, क्योंकि हम नहीं चाहते हैं कि बूथ कैप्चरिंग का दौर वापस आए।’ बैठक के बाद रावत ने बताया ‘ईवीएम में गड़बड़ियों की शिकायतों पर आयोग ने व्यापक नजरिया अपनाते हुए संज्ञान लिया है।
इस बारे में सभी तरह की शंकाओं का समाधान किया जाएगा।’ बैठक में सभी सात राष्ट्रीय और 51 राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त दलों के 41 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कांग्रेस, एसपी, बीएसपी, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित तमाम विपक्षी दलों ने मतपत्र से चुनाव कराने का सुझाव दिया।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने आगे कहा कि कुछ दलों की ओर से ईवीएम और वीवीपीएटी में कुछ समस्याएं होने की बात कही गई हैं, सभी पहलुओं को आयोग ने संज्ञान में लिया है और इस बारे में हम संतोषजनक समाधान देने के लिए आश्वस्त करते हैं। सोमवार की बैठक के प्रमुख नतीजों के बारे में उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रक्रिया को विश्वसनीय और बेहतर बनाने के लिए सकारात्मक सुझाव दिए हैं। आयोग इन पर विस्तार से विचार कर इन्हें प्रभावी तौर पर लागू करने की दिशा में सभी जरूरी कदम उठाएगा।
एक देश-एक चुनाव पर भी चर्चा
बैठक में ‘एक देश एक चुनाव’ के मुद्दे पर चर्चा होने के सवाल पर रावत ने कहा, 'कुछ दलों ने यह मुद्दा उठाया और कुछ दलों ने इसका विरोध किया। आयोग की तरफ से इस मामले में बहुत कुछ कहा जा चुका है। इस पर अच्छी बहस चल रही है।'